68500 शिक्षक भर्ती में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
उत्तर प्रदेश में निवास करनें सम्बंधी शासनादेश हुआ रद्द
69000 शिक्षक भर्ती पर भी होगा प्रभाव
68500 शिक्षक भर्ती के सम्बन्ध में इलाहाबाद हाईकोर्ट नें एक फैसला सुनाया है। कोर्ट नें अपनें फैसले में कहा है कि 68500 शिक्षक भर्ती में रिक्त पदों को भी संज्ञान में लिया है। कोर्ट नें कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 16 (3) के तहत वर्ण , जाति , धर्म, निवास स्थान के आधार पर भर्तियों में विभेद नही किया जा सकता है।आवश्यक्ता पड़नें पर संसद को कानून बनानें का अधिकार है लेकिन राज्य सरकार को यह अधिकार प्राप्त नहीं है। भर्ती विज्ञापन में भी ऐसी कोई शर्त नहीं रखी गयी है, इसलिए आवेदन तिथि से पांच वर्ष पूर्व से उत्तर प्रदेश का निवासी होनें की शर्त असंवैधानिक और गैर कानूनी है।
कोर्ट ने ऐसे अभ्यर्थियों को उप्र बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली 1981 के तहत सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति के योग्य करार दिया है। कोर्ट ने बेसिक शिक्षा परिषद और परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय को अन्य राज्यों सहित प्रदेश के दो अखबारों में इसकी सूचना प्रकाशित करने व वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश दिया। यह आदेश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने हरियाणा और दिल्ली निवासी मनीष व अन्य सहित दर्जनों याचिकाओं को मंजूर करते हुए दिया है। याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता एएन त्रिपाठी, राघवेंद्र मिश्र, अरविंद कुमार मिश्र ने बहस की। कोर्ट ने उप्र प्रदेश के बाहर रहने वाले चयनित अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग करा कर मेरिट सूची से नियुक्ति का निर्देश दिया है। याची अधिवक्ता का कहना था कि अनुच्छेद 16 (तीन) के तहत धर्म, वर्ण, जाति स्थान निवास के आधार पर विभेद करने पर रोक है। इस संबंध में कानून बनाने का अधिकार संसद को है। राज्य सरकार को ऐसा नियम बनाने का क्षेत्रधिकार नहीं है जिससे निवास के आधार पर नियुक्ति में भेद किया जाए। कहा कि सेवा नियमावली 1981 में सभी नागरिकों को नौकरी के अवसर का जिक्र है। साथ ही भर्ती के विज्ञापन में यह शर्त नहीं थी। कहा कि आवेदन की तारीख से पांच साल से प्रदेश का निवासी होने की शर्त कानून व संविधान के खिलाफ है। उसे रद किया जाए।
इस फैसले के मायनें क्या है-
क्योंकि इलाहाबाद हाईकोर्ट का यह फैसला संविधान की धारा 16 (3) को ध्यान में रखकर आया है तो यह नियम भारत राज्य के सभी प्रदेशों पर लागू होना चाहिए। विभिन्न राज्य जो अपनें यहां की भर्तियों में सिर्फ राज्य वासियों को ही आवेदन का मौका देते है उनके नियम भी इस आधार पर चैलेन्ज किये जा सकते है।
अलग अलग अखबारों की कतरनें नीचे देखिये
उपर्युक्त आदेश के आधार पर यदि देखा जाये तो उत्तर प्रदेश मे चल रही 69000 शिक्षक भर्ती में भी यही नियम लागू होगा जिससे प्रदेश निवासियों की प्रतियोगिता बढ़ जायेगी लेकिन उन्हे अन्य राज्यों मे भी आवेदन का मौका मिलेगा।