राज्य – उत्तराखंड
राजधानी- देहरादून
गठन- 9 नवम्बर 2000
जिलें – 13
जनसँख्या- 1,01,16,752 (2011)
क्षेत्रफल- 53, 483 वर्ग कि०मी०
घनत्व- 189 प्रति वर्ग कि०मी०
साक्षात्कार – 79.63%
भाषा- हिन्दी, गढ़वाल
वाहन अक्षर – UK
उत्तराखंड गठन व नामकरण –
उत्तराखण्ड (पूर्व नाम उत्तरांचल), उत्तर भारत में स्थित एक राज्य है जिसका निर्माण 9 नवम्बर 2000 को कई वर्षों के आन्दोलन के पश्चात भारत गणराज्य के सत्ताइसवें राज्य के रूप में किया गया था। सन 2000 से 2006 तक यह उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था। जनवरी 2007 में स्थानीय लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य का आधिकारिक नाम बदलकर उत्तराखण्ड कर दिया गया।
स्थिति
इस राज्य की अंतर्राष्ट्रीय सीमाएं चीन शासनाधीन तिब्बत तथा नेपाल देश से लगी हुयी है ! दक्षिण में उत्तर प्रदेश व उत्तर-पश्चिम में हिमालय प्रदेश की सीमा लगी हैं। पूर्व में काली नदी के पश्चिमी तट से शुरू होकर पश्चिम में टौंस नदी के पूर्वी तट तक, उत्तर में तिब्बत के दक्षिण ढलान से लेकर, दक्षिण में शिवालिक की तराई तक फैली हैं
जलवायु –
इस क्षेत्र में धरातलीय संरचना के अनुरूप जलवायु में बहुत विभिन्नता पाई जाती है ! दिन के समय गर्मी पड़ती है, किन्तु रात को तापमान हिमांक से नीचे पहुँच जाता है ! ग्रीष्मकाल में घाटियों में 9,000 मीटर से नीचे की जलवायु उष्ण- कटिबन्ध में तथा 4,250 मीटर से ऊँचे स्थानों पर कड़ी ठण्ड पड़ती है तथा शिखरें हिमाच्छादित रहती है ! शीतकाल में घाटियों से सघन कोहरा रहता है ! तेज हवाओं, अत्यधिक ठण्ड और हिमावरण के कारण ऊँचें भागों पर मरुभूमि मिलती है ! मानसून जून से मध्य सितम्बर तक सक्रीय रहता है ! अधिकतम वर्षा 1,200 से 2,100 मीटर ऊँचे पवनोन्मुख ढालों पर औसतन 35 से 40 से० मी० तथा विमुख ढालों पर 20 से 25 से० मी० होती है ! जाड़ों में हिमपात होता है !
धरातल –
भारत के उत्तरी सीमावर्ती इस क्षेत्र का अधिकांश भाग पर्वतीय क्षेत्र है ! भूमि में अधिक नमी होने के कारण वनों की संख्या अधिक है ! राज्य का लगभग 87 प्रतिशत भू-भाग पर्वतीय है ! इस राज्य को तीन उप-प्रदेशों में विभाजित किया जा सकता है :-
(1) हिमाद्री (महान हिमाचय)
इस क्षेत्र की औसत चौड़ाई 50 कि० मी० तथा समुद्रतल से ऊँचाई औसतन 4,500 से 6,000 मीटर है ! यहाँ की सर्वोच्च चोटी नंदा देवी 7,817 मीटर ऊँचाई पर है, अन्य हिमाच्छादित शिखर कामेठ, बद्रीनाथ, केदारनाथ, बन्दरपूंछ, गंगोत्री, यमुनोत्री, चौखम्भा आदि 6,000 मीटर से अधिक ऊँची है ! इसके मध्य भागीरथी, अलकनंदा, व धौलीगंगा की अनुप्रस्थ घाटियाँ स्थित है तथा इस श्रेणी के मध्य गंगा और यमुना का उद्गम स्थल है !
(2) हिमांचल (निम्न हिमाचल क्षेत्र )
75 कि०मी० चौड़ी इस पेटी का औसत धरातलीय उच्चाव 1,500 से 2,700 मीटर तक है ! इसमें वलित एवम् कायांतरित शैलों से निर्मित श्रेणियॉ तथा गहरी घाटियाँ स्थित हैं ! समुद्रतल से 500 से लेकर 1,200 मीटर की उंचाई पर अनेक नदी घाटियाँ पाई जाती हैं ! इन श्रेणियों की ढालों पर घास के छोटे-छोटे मैदान स्थित हैं ! नैनीताल जिलें में 25 कि०मी० लम्बे व 4 कि०मी० चौड़े अनेक ताल (झील) यथा –नैनी, भीम, नौकुचिया, सात ताल, पूना ताल, खुरपा ताल, सुखा ताल तथा सरिया ताल स्तिथ हैं ! गढ़वाल क्षेत्र में गोहना झील व दिअरी ताल प्रसिद्ध हैं !
(3) शिवालिक (बाह्य हिमालय क्षेत्र)
यह निम्न श्रेणियॉ 750 से 1,200 मीटर ऊँची है ! इनके उत्तरी ढाल सघन वनों से ढके है जिनकी तलहटी में दून (घाटियाँ) स्थित है ! देहरा, कोठारी, चौखम्भा पट्टी व कोटा एसी ही प्रसिद्ध घाटियाँ है ! इन की रचना मुख्यत: बजरी से हुयी है, जो नदियों द्वारा छिछले जल में निक्षेंपों की सूचक है !
वन्यजीव अभयारण्य-
उत्तराखंड राज्य का अधिकांश उत्तरी भाग वृहद्तर हिमालय श्रृंखला का भाग है, जो ऊँची हिमालय चोटियों और हिमनदियों से ढका हुआ है, जबकि निम्न तलहटियाँ सघन वनों से ढकी हुई हैं । हिमालय के विशिष्ठ पारिस्थितिक तन्त्र बड़ी संख्या में पशुओं (जैसे भड़ल, हिम तेंदुआ, तेंदुआ और बाघ), पौंधो और दुर्लभ जड़ी-बूटियों पायी जाती है। यहां मौजूद इनकी किस्मों से आप चकाचैंध हो जाएंगे। ज्यादातर नेशनल पार्क एक खूबसूरत लैंडस्केप का हिस्सा होते हैं जो स्थानीय सरकार के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। इन नेशनल पार्कों का सबसे महत्वपूर्ण और खास तथ्य यह है कि यह वन्य जीवों के संरक्षण केंद्र के रुप में कार्य करते हैं। यहां किसी भी प्रकार की मानवी घुसपैठ या प्रदूषण वर्जित है।
जिले
उत्तरकाशी
देहरादून
टिहरी गढ़वाल
रुद्रप्रयाग
पिथौरागढ़
पौड़ी गढ़वाल
हरिद्वार
अल्मोड़ा
बागेश्वर
अमोली (गोपेश्वर)
चम्पावत
नैनीताल
उधमसिंह नगर (रुद्रपुर)
उत्तराखंड के प्रमुख पर्यटन स्थल
केदारनाथ
केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड का सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थान है। यह समुद्र तल से 11,500 फीट की उंचाई पर मंदाकिनी नदी के पास स्थित है। केदारनाथ भारत में हिंदुओं का सबसे महत्वपूर्ण मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित है। देश के अलग अलग कोने से भक्त हर साल यहां अप्रैल के महीने में भगवान के दर्शन के लिए आते हैं।
ऋषिकेश
यह उत्तराखंड का एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। यह हिमालय की तलहटी में बसा है। ऋषिकेश कई हिंदुओं के लिए तीर्थ स्थलों का केंद्र है। हिंदू पुराणों के अनुसार यह शहर भगवान शिव के प्रिय स्थानों में से एक है। इसके धार्मिक महत्व के अलावा ऋषिकेश भारत के सबसे खूबसूरत शहरों में से एक है।
नैनीताल
नैनीताल उत्तराखंड का सबसे ज्यादा घूमा जाने वाला पर्यटन स्थल है। कुमाउं के पहाड़ों में स्थित नैनीताल अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर है। यह 1938 मीटर की उंचाई पर स्थित है और इस क्षेत्र में कई अनूठे पर्यटन स्थल मौजूद हैं।
रानीखेत
सेहत और शांति पसंद करने वाले यात्रियों के लिए रानीखेत किसी स्वर्ग से कम नहीं है। रानीखेत वो शांति प्रदान करता है जो भारत में कहीं और नहीं मिलती। यह साफ और प्रदूषण मुक्त वातावरण के लिए अनूठे हिल स्टेशन के तौर पर मशहूर है। लंबे शंकुधारी पेड़ और शांत माहौल के साथ रानीखेत आपको भागमभाग की दुनिया से कहीं दूर ले जाता है।
जिम काॅर्बेट नेशनल पार्क
पशु प्रेमियों के लिए स्वर्ग माना जाने वाला जिम काॅर्बेट नेशनल पार्क उत्तराखंड की सबसे कीमती संपत्ति है। देश में जानवरों के लिए सबसे अच्छे निवास के तौर पर पहचाना जाने वाला जिम काॅर्बेट नेशनल पार्क हिमालय की तलहटी में स्थित है। यह पार्क 1318.54 वर्ग किलोमीटर के इलाके में फैला है और भारत के समृद्ध ईको सिस्टम का हिस्सा है। अधिक जानकारी…
भूमि एवं कृषि
राज्य की लगभग 55 लाख हेक्टेयर भूमि में वन क्षेत्र 63 प्रतिशत है ! राज्य की कृषि योग्य भूमि लगभग 12.5 प्रतिशत तथा अन्य उपयोगी भूमि 2.5 प्रतिशत है ! राज्य की लगभग 11.5 प्रतिशत कृषि योग्य भूमि अनुपयुक्त है ! इसके अतिरिक्त स्थायी चारागाह भूमि 4.25 प्रतिशत कृषि परती भूमि 2.25 प्रतिशत है ! इसके साथ ही कुल सिंचित कृषि भूमि लगभग 3.4 लाख हेक्टेयर है !
वनस्पति
अधिक वर्षा के कारण अधिकाश क्षेत्र में उपयोगी वन पाए जाते है जिन में मुख्यतः पर्णपाती, कन्जू, साल, सेमल, तुन, हलदू, खैर, चीड, साइप्रस, देवदार, सीसू, बर्च आदि के वृक्ष प्रमुख है !
परिवहन
राज्य में लगभग 29,939 कि०मी० पक्की सड़कें है ! देहरादून, हरिद्वार, रुड़की, कोटद्वारा, काशीपुर, हल्द्वानी, उधमसिंह नगर, रामनगर, तथा काठगोदाम प्रमुख रेलवे स्टेशन हैं ! पंतनगर और देहरादून (जौली ग्रांट ) प्रमुख हवाई पट्टियाँ है !