भारत की प्रमुख जनजातियां
नागा जनजाति
नागाजनजाति का मुख्य निवास नगा पहाड़ियों का प्रदेश नागालैंड है ! नागालैण्ड के बाहर पतकोई पहाड़ियों, मणिपुर, मिजोरम,असोम और अरुणाचल प्रदेश में भी नागा जाति के लोग रहते है माना जाता है की इस जाति का सम्बन्ध इंण्डो-मंगोलॉयड प्रजाति से है ! नागा की उपजातियों में रंगपण, कोन्याक, रेंगमा, अंगामी,आओ, लोहता, फोग, चथ, संथम, कच्चा, काबुई तेखुल, कल्पोकेंगु आदि प्रमुख हैं ! इनमें आओ सबसे उच्च वर्ग माना जाता है !
निवास क्षेत्र-
नगाजनजाति नागालैण्ड में कोहिमा, मोकोकचुंग और तुएनसांग जिलों तथा मणिपुर राज्य में पायी जाती है ! नागा जनजाति पर्वतों पर इनका सबसे अधिक जमाव पाया जाता है !
थारु जनजाति-
थारूजनजाति का आवास-क्षेत्र उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के तराई प्रदेश के पश्चिमी भाग में नैनीताल जिले के दक्षिण-पूर्व से लेकर पूर्व में गोरखपुर और नेपाल की सीमा के सहारे है ! थारु जनजाति का सबसे अधिक जमाव उत्तराखंड राज्य के नैनीताल जिले में है ! इनमे से मुख्य बस्तियां किलपुरी, खटिमा, विलहेरी एवं नानकमत्ता हैं ! इनकी वर्तमान में संख्या 28 हजार के आसपास है ! प्रान्तीय सरकार ने इन्हें 1961 में जनजाति का दर्जा प्रदान किया !
भोटिया जनजाति-
भोटिया (भूटिया) जनजाति लोगों का निवास-क्षेत्र उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले का उत्तर-पूर्वी भाग है, जिसमें असकोट और दामा तहसीलें सम्मिलित है ! यह क्षेत्र ऊबर-खाबड है ! सम्पूर्ण भोटिया क्षेत्र 3,250 मीटर से 4,100 मीटर ऊँचा है, जिसमें कृष्णा, गंगा, धौली, गौरी, दामा और काली नदियाँ बहती है !
संथाल जनजाति-
संथाल जनजाति लोगों का निवास-क्षेत्र बड़ा व्यापक है ! यह बिहार, झारखंड, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल में फैला है ! संथाल परगना में छोटा नागपुर पठार का पूर्वी छोर संथाल परगना का सबसे प्रमुख क्षेत्र है ! पश्चिम बंगाल में वीरभूम, बांकुड़ा, माल्दा, मेदिनीपुरऔर चौबीस परगना जिलों तथा उड़ीसा में मयूरभंज में भी पाए जाते हैं !
टोडा जनजाति-
टोडा जनजाति दक्षिणी भारत के पश्चिमी घाट, इलायची और निलगिरी की पहाड़ियों से घिरे क्षेत्र में अनेक जनजातियाँ पायी जाती है बड़गा, कोटा, कुरुम्बा, ईरुला, और टोडा ! इनमें एतिहासिक दृष्टि से टोडा जनजाति का विशेष महत्त्व है, क्योकि यह भैंस पालने वाले आदर्श चरवाहे और बहुपति प्रथा मानने वाली जनजाति है ! इस जनजाति का परम्परागत निवास-क्षेत्र निलगिरी की पहाड़ियाँ है !
भील जनजाति-
भील जनजाति का निवास-क्षेत्र मुख्यत प्रायद्वीपीय पहाड़ी भागों तक सीमित है ! अरावली, विंध्याचल एवं सतपुड़ा पर्वत तथा कोटा के पठार इनके सबसे बड़े निवास स्थान हैं ! राज्यों की दृष्टी से अधिकांश भील मध्य प्रदेश में (धार, झाबुआ, रतलाम, खण्डवा और खरगौन जिलों में) राजस्थान में (डूंगरपुर, बाँसवाड़ा, उदयपुर, चित्तोडगढ जिलें में ), गुजरात में (पंचमहल, साबरकांठा, बनासकांठा, वडोदरा जिलों में ) केन्द्रीय है ! बिखरे हुए रूप में महाराष्ट्र और कर्नाटक में भी कुछ भील पाए जाते है !