भूगोल का अर्थ
‘भूगोल’ अंग्रेजी भाषा के ‘Geography’ शब्द का पर्यायवाची है !यह ग्रीक भाषा के दो शब्दों Geo+Graphia से मिलकर बना है ! ‘Geo’ का अर्थ ‘पृथ्वी’ और ‘Graphia’ का अर्थ लिखना या वर्णन करना होता है ! अंग्रेजी भाषा के शब्द Geo+Graphy से मिलकर बना है जिसका अर्थ पृथ्वी का वर्णन करने से है ! अत: सामान्य भाषा में ‘भूगोल वह विज्ञान है जो पृथ्वी के धरातल का वर्णन कराता है !’ आरम्भ में भूगोल विषय के अंतर्गत पृथ्वी का धरातल, स्थानों एवं क्षेत्रों की स्थिति तथा प्रधान भौतिक एवं संस्कृति तत्वों का मात्र अध्ययन किया जाता था, परन्तु धीरे-धीरे भूगोल विषय से संबंधित अनेक पक्षों का विकास किया गया ! प्रमुख भूगोलवेत्ताओं के अनुसार “पृथ्वी” का अर्थ केवल उसके धरातल तक ही सीमित नहीं हैं, अपितु इसके अंतर्गत पृथ्वी के ऊपर की एक पतली वायुपेटी तथा पृथ्वी के भीतर का भाग भी सम्मिलित हैं !
विभिन्न भूगोलवेत्ताओं द्वारा दी गयी भूगोल की परिभाषाए
प्रसिद्ध रोमन विद्वान स्ट्रेबो के अनुसार
“भूगोल हमें स्थल एवं महासागरों में बसने वाले जीवों के बारे में ज्ञान कराने के साथ-साथ विभिन्न लक्षणों वाली पृथ्वी की विशेषताओं को समझाता है !”
विद्वान ग्रीक टॉमली के अनुसार
“भूगोल वह आभामय विज्ञान है जो पृथ्वी की झलक स्वर्ग में देखता है !”
विद्वान वारेनियस (1622-50) के अनुसार
“भूगोल पृथ्वी की सतह को अध्ययन का केंद्र मानकर उसे समझाने वाली विद्या है ! इसके अंतर्गत जलवायु धरातलीय लक्षण,जल वन एवं मरुभूमि, खनिज एवं भूतल पर बसे मानव जैसे तथ्यों का निरीक्षण एवं वर्णन होता है !”
प्रसिद्ध विद्वान और दर्शनशाश्त्र के जनक इमैनुअल कांट (1724-1808) के अनुसार
“भूगोल भूतल का अध्ययन है ! यह भूतल के भिन्न-भिन्न भागों में पायी जाने वाली विभिन्नताओं की पुष्टिभूमि में की गई व्याख्या है ! इसमें सभी घटनाओं के मध्य जटिल एवं क्रियाशील सम्बन्ध अता अंतर्संबंध की ओर विशेष रूप से ध्यान दिया है, क्योकि क्रियाशील सम्बन्ध ही महान एकता या पार्थिव एकता का ही अंग है !”
हम्बोल्ट (1759-1859) के अनुसार
“भूगोल प्रकृति अध्ययन से सम्बन्धित विद्या है ! अन्य सभी व्यवस्थित विज्ञान चाहे वे प्राकृतिक हो अथवा जैविक, पृथ्वी की घटनाओं से सम्बन्धित होते हैं ! ऐसे विज्ञान व्यक्तिगत रूप में पशु, वनस्पति, अन्य ठोस प्रदार्थ या जिवावशेष की बनावट एवं प्रक्रिया का ही अध्ययन हैं, जबकि भूगोल का सम्बन्ध उपयुक्त सभी वस्तुओं से एक साथ सह-सम्बन्धित रूप में जैसी की वह किसी क्षेत्र में सामान्यत: पायी जाती है,
कार्ल रिटर के अनुसार
“भूगोल विज्ञान का विभाग है, जिसमें भूमण्डल के सभी लक्षणों,घटनाओं और उनके सम्बन्धों का पृथ्वी को स्वत्रंत रूप में मानते हुए वर्णन किया जाता है ! इसकी समग्र एकता मानव एवं मानव जगत पिता से सम्बन्धित दिखाई देती है”
प्रसिद्ध फ्रांसीसी भूगोलवेत्ता विडाल डी-ला ब्लाश
“भूगोल स्थानों का विज्ञान है न कि मानव का ! एतिहासिक घटनाओं के प्रति इस विज्ञान की रूचि वहीँ तक है, जहाँ तक कि इसका सम्बन्ध किसी देश में घटित घटनाओं से होता है ! इसके अभाव में देशों के गुण एवं संभावनाए सुशुप्त अथवा अपूर्ण रहती है !
प्रसिद्ध जर्मन विद्वान हैटनर के अनुसार
“भूगोल एक क्षेत्र विवरण विज्ञान है !”
प्रसिद्ध अमरीकन भूगोलवेत्ता हार्टशोर्न
“भूतल के विविधता रूपी लक्षणों का शुद्ध, व्यवस्थित एवं तर्कपूर्ण विवरण एवं व्याख्या करना ही भूगोल का लक्ष्य है !”
ब्रिटिश भूगोलवेत्ता समिति के अनुसार
“भूगोल पृथ्वी के धरातल का अध्ययन है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रो के अन्तर और उनके संबंधो का अध्ययन किया जाता है “
फिंच एवं ट्रिवार्था के अनुसार
“यह पृथ्वी के धरातल का एक विज्ञान है ! इसके अंतर्गत धरातल पर पाए जाने वाले विन्यास, स्वरूपों और वस्तुओं के प्रादेशिक सम्बन्धों का व्यवस्थित रूप से वर्णन किया जाता है !”