गठन – 1 नवम्बर 1966
क्षेत्र – 50,362 वर्ग कि०मी०
राजधानी – चंडीगढ़
सबसे बड़ा शहर – लुधियाना
जनसंख्या – 2,77,04,236,(2011)
साक्षरता – 76.68%
जिले – 22
मुख्य भाषा – पंजाबी
घनत्व – 550 प्रतिवर्ग कि०मी०
स्थिति-
पंजाब भारत देश के उत्तर-पश्चिम भारत का एक राज्य है इसका दूसरा भाग पाकिस्तान में है। पंजाब क्षेत्र के अन्य भाग (भारत के) हरियाणा और हिमाचल प्रदेश राज्यों में हैं। इसके पश्चिम में पाकिस्तानी पंजाब, उत्तर में जम्मू और कश्मीर, उत्तर-पूर्व में हिमाचल प्रदेश, दक्षिण और दक्षिण-पूर्व में हरियाणा, दक्षिण-पूर्व में केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ और दक्षिण-पश्चिम में राजस्थान राज्य हैं।
1947 भारत का विभाजन के बाद बर्तानवी भारत के पंजाब सूबे को भारत और पाकिस्तान दरमियान विभाजन दिया गया था। 1966 में भारतीय पंजाब का विभाजन फिर से हो गया और नतीजे के तौर पर हरियाणा और हिमाचल प्रदेश वजूद में आए और पंजाब का मौजूदा राज बना। यह भारत का अकेला सूबा है जहाँ सिख बहुमत में हैं।
पंजाब ने भारतीय इतिहास को कई मोड़ दिये हैं। अतीत में शकों, हूणों, पठानों व मुगलों ने इसी पंजाब के रास्ते भारत में प्रवेश किया था। आर्यो का आगमन भी हिन्दुकुश पार कर इसी पंजाब के रास्ते ही हुआ था। पंजाब की सिन्धु नदी की घाटी में आर्यो की सभ्यता का विकास हुआ। उस समय इस भूख़ड का नाम सप्त सिन्धु अर्थात सात सागरों का देश था। समय के साथ सरस्वती जलस्रोत सूख् गया। अब रह गयीं पाँच नदियाँ-झेलम, चेनाब, राबी, व्यास और सतलज इन्हीं पाँच नदियों का प्रांत पंजाब हुआ।
पंजाब का नामाकरण फारसी के दो शब्दों से हुआ है। पंज का अर्थ है पाँच और आब का अर्थ होता है जल।
जिले-
1. अमृतसर
2. गुरदासपुर
3. पटियाला
4. पठानकोट (नया)
5. फिरोजपुर
6. रूपनगर
7. संगरूर
8. साहिबजादा अजीत सिंह नगर (मोहाली )
9. शहीद भगत सिंह नगर (नवांशहर)
10. मानसा
11. मोगा
12. कपूरथला
13. जालन्धर
14. फरीदकोट
15. फाजिल्का (नया)
16. भटिंडा
17. लिधियाना
18. होशियारपुर
19. फतेहगढ़ साहिब
20. मुक्तसर
21. तरनतारन
22. बरनाला
जलवायु –
दक्षिण – पश्चिमी भाग में वर्षा बहुत कम होती है, पूर्वी भाग में वर्षा अच्छी हो जाती है ! साधारण: जलवायु गर्मियों में बहुत गरम और सर्दियो में ठण्डी रहती है ! वर्षा गर्मियों में अधिक होती है, थोड़ी सी वर्षा सर्दियों में भी हो जाती है !
सिंचाई एवं विद्युत –
कृषि प्रधान राज्य होने की वजह से पंजाब में कृषि विकास को उच्च प्राथमिकता दी जाती है ! राज्य में उपलब्ध जल यहाँ की भूमि की उपजाऊ क्षमता से काफी कम है !
कृषि –
गेंहू, कपास, चना, जौ, ज्वार, बाजरा, मक्का, गन्ना, तिलहन, चावल, तम्बाकू, और दालों की खेती की जाती है ! अमृतसर के क्षेत्र में केले, संतेरे,अमरुद, लोकाट आदि फलों की बागबानी की जाती है ! देश के कुल गेंहू 23% चावल 12% और कपास का भी 12% पंजाब में ही पैदा होता है !
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय –
लुधियाना में स्थित पंजाब सरकार का कृषि विश्वविद्यालय है। इसकी स्थापना १९६२ में की गयी थी। यह गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पन्तनगर के बाद भारत में दूसरा सबसे पुराना कृषि विश्वविद्यालय है। १९६० के दशक में भारत की हरित क्रांति में इस विश्वविद्यालय की अहम भूमिका थी।
उद्योग –
राज्य में लघु उद्योग इकाइयों की संख्या 2.04 लाख है ! 11.69 लाख लोगों को रोजगार देने वाली ये इकाइयाँ साइकिलों के – पुर्जे, सिलाई मशीन, हाथ के औजार, मशीनो के हिस्से- पुज्जे, मोटरवाहनों के कल-पुर्जे, बिजली की वस्तुएं, खेल-कूद का सामान, शल्य चिकित्सा में काम आने वाले उपकरण, चमड़े का सम्मान, हौजरी, बुने हुए वस्त्र, नट- बोल्ट, कपड़ा, चीनी वनस्पति आदि का उत्पादन करती है !
पर्यटक स्थल –
राज्य में पर्यटकों की रूचि के कई स्थान हैं इनमें अमृतसर में स्वर्ण मंदिर, गुर्गियाणा मंदिर,तथा जलियांवाला बाग, आनंदपुर साहिब में तख्त श्री केशगढ साहिब और खालसा सस्कृतिक परिसर, भागड़ा बाँध पटियाला में किला अंदरुन और मोती बाग़ राजमहल, लुधियाना एक औद्योगिक तथा व्यापारिक नगर है ! पठानकोट इमारती लकड़ी और फलों में मुरब्बों के लिए प्रसिद्ध है !
श्री हरिमन्दिर साहिब जिसे दरबार साहिब या स्वर्ण मन्दिर भी कहा जाता है सिख धर्मावलंबियों का पावनतम धार्मिक स्थल या सबसे प्रमुख गुरुद्वारा है। यह भारत के राज्य पंजाब के अमृतसर शहर में स्थित है और यहाँ का सबसे बड़ा आकर्षण है। पूरा अमृतसर शहर स्वर्ण मंदिर के चारों तरफ बसा हुआ है। स्वर्ण मंदिर में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं। अमृतसर का नाम वास्तव में उस सरोवर के नाम पर रखा गया है जिसका निर्माण गुरु राम दास ने स्वय़ं अपने हाथों से किया था। यह गुरुद्वारा इसी सरोवर के बीचोबीच स्थित है। इस गुरुद्वारे का बाहरी हिस्सा सोने का बना हुआ है, इसलिए इसे स्वर्ण मंदिर अथवा गोल्डन टेंपल के नाम से भी जाना जाता है ! इतिहास के मुताबिक सिखों के पांचवें गुरु अर्जुन देव जी ने लाहौर के एक सूफी संत साईं मियां मीर जी से दिसंबर, 1588 में गुरुद्वारे की नींव रखवाई थी।
रेल व सड़क मार्ग
अमृतसर दिल्ली से लगभग 500 किलोमीटर दूर, राष्ट्रीय राजमार्ग १ पर स्थित है। आसपास के सभी राज्यों के सभी प्रमुख नगरों से अमृतसर तक की बस सेवा (साधारण व डीलक्स) उपलब्ध है। राष्ट्रीय राजमार्ग १ पर किसी भी स्थान से २४ घंटे बसें चलती रहती हैं।
अमृतसर रेल मार्ग द्वारा भारत के सभी प्रमुख नगरों से जुड़ा है। पुरानी दिल्ली और नई दिल्ली से अमृतसर शान-ए-पंजाब या शताब्दी ट्रेन से पांच से सात घंटे में अमृतसर पहुंचा जा सकता है। अमृतसर स्टेशन से रिक्शा करके गुरुद्वारे पहुंचा जा सकता है।
वायु मार्ग
श्री गुरु रामदास जी अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र जिसे राजा सांसी अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र भी कहा जाता था, अमृतसर में स्थित विमानक्षेत्र है