Table of Contents
Child Devolpment Important Theory
बाल विकास से सम्बन्धित महत्वपूर्ण सिध्दान्त उपलब्ध करा रहें हैं , जो की आगामी शिक्षक भर्ती परीक्षाओं में पूंछे जायेंगें, अतः आप सभी अपनी परीक्षा की तैयारी को और सुगम बनाने के लिये इन प्रश्नों का अध्ययन अवश्य करें !
Imp. CTET, UPTET, RTET, KTET,MPTET, BIHAR TET, UKTET etc
गिलफोर्ड का सिध्दान्त
- संक्रिय का अर्थ यहाँ हमारी उस मानसिक चेष्टा, तत्परता और कार्यशीलता से होता है जिसकी मद्द से हम किसी भी सूचना सामाग्री या विषय-वस्तु को अपने चिन्तन तथा मनन का विषय बनाते है या दूसरे शब्दों में इसे चिन्तन तथा मनन का प्रयोग करते हुए अपनी बुध्दि को काम में लाने का प्रयास कहा जा सकता है !
- जे.पी गिलफोर्ड और उसके सहयोगियों ने बुध्दि परिक्षण से सम्बंधित कई परीक्षणों पर कारक विश्लेषण तकनीक का प्रयोग करते हुए मानव बुध्दि के विभिन्न तत्वों या कारकों को प्रकाश लाने वाला प्रतिमान विकसित किया !
- उन्होंनें अपने अध्ययन प्रयासों के द्वारा यह प्रतिपादित करने की चेष्टा की कि हमारी किसी भी मानसिक प्रक्रिया अथवा बौध्दिक कार्य को तीन आधारभूत आयामों – संक्रिय, सूचना सामग्री या विषय-वस्तु तथा उत्पादन में विभाजित किया जा सकता है !
Child Devolpment Important Theory set– 1 Click here
फ्लूइड तथा क्रीस्टलाइज्ड सिध्दान्त
- इस सिध्दान्त के प्रतिपादन कैटिल है ! फ्लूइड वंशानुक्रम कार्य कुशलता अथवा केन्द्रीय नाड़ी संस्थान की दी हुए विशेषता पर आधारित एक सामान्य योग्यता है ! यह योग्यता संस्कृति से ही प्रभावित नहीं होती बल्कि नवीन परिस्थोतियों से भी प्रभावित होती है !
- दूसरी ओर क्रिस्टलाइज्ड भी एक प्रकार की सामान्य योग्यता है जो अनुभव, अधिगम तथा वातावरण सम्बन्धी कारकों पर आधारित होती है
Child Devolpment Important Theory – 2 Click here
ग्रुप-तत्व सिध्दान्त
- ग्रुप तत्व सिध्दान्त की सबसे बड़ी कमजोरी यह है कि यह सामान्य तत्व की धारणा का खण्डन करता है !
- जो तत्व सभी प्रतिभात्मक योग्यताओं में तो सामान्य नहीं होते परन्तु कई क्रियाओं में सामान्य होते है, उन्हें ग्रुप-तत्व की संज्ञा डी गई है !
- इस सिध्दान्त के समर्थकों में थर्सटन नाम प्रमुख है ! प्रारम्भिक मानसिक योग्यताओं का परिक्षण करते हुए वह इस निष्कर्ष पर पहुँचे थे कि कुछ मानसिक क्रियाओं में एक प्रमुख तत्व सामान्य रूप से विद्यमान होता है, जो उन क्रियाओं के कई ग्रुप होते है, उनमें अपना एक प्रमुख तत्व होता है !
Child Devolpment Important Questions Set – 6 Click here
प्रतिदर्श सिध्दान्त
- प्रतिदर्श सिध्दान्त के अनुसार बुध्दि कई स्वतन्त्र तत्वों से बनी होती है कोई विशिष्ट परिक्षण या विद्यालय सम्बन्धी क्रिया में इनमें से कुछ तत्व स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगता है ! यह भी हो सकता है कि दो या अधिक परीक्षाओं में एक ही प्रकार के तत्व दिखाई दें तब उनमें एक सामान्य तत्व की विद्यमानता मानी जाती है ! यह भी सम्भव है कि अन्य परीक्षाओं में विभिन्न तत्व दिखाई दें तब उनमें कोई भी तत्व सामान्य नहीं होगा और प्रत्येक तत्व अपने आप में विशिष्ट होगा !
- इस सिध्दान्त का प्रतिपादन थॉमसन ने किया था ! उसने अपने इस सिध्दान्त का प्रतिपादन स्पीयरमैन के ध्दी-कारक सिध्दान्त के विरोध में किया था !
- थॉमसन ने इस बात का तर्क दिया की व्यक्ति का बौध्दिक व्यवहार अनेक स्वतन्त्र योग्यताओं पर निर्भर करता है, किन्तु इस स्वतन्त्र योग्यताओं का क्षेत्र सीमित होता है !
Child Devolpment Important Questions Set – 5 Click here
बहुकारक सिध्दान्त
- इस सिध्दान्त के मुख्य समर्थक थार्नडाइक थे !
- इस सिध्दान्त के अनुसार, बुध्दि कई तत्वों का समूह होती है और प्रत्येक तत्व में कोई सूक्ष्म योग्यता निहित होती है ! अत: सामान्य बुध्दि नाम की कोई चीज नहीं होती, बल्कि बुध्दि में कोई स्वतन्त्र, विशिष्ट योग्यताएं निहित रहती है, जो विभिन्न कार्यों को सम्पादित करती है !
ध्दी-कारक सिध्दान्त
- एक व्यक्ति जितने ही क्षेत्रों अथवा विषयों में कुशल होता है, उसमें उतनी ही विशिष्ट योग्यताए पाई जाती है !
- यदि एक व्यक्ति में एक से अधिक विशिष्ट योग्यताए है, तो इन विशिष्ट योग्यताओं में कोई विशेष सम्बन्ध नहीं पाया जाता है
Child Devolpment 15 Important Questions Set – 4 Click here
Child Devolpment 15 Important Questions Set -3 Click here
Child Devolpment 15 Important Questions Set -2 Click here
Child Devolpment 15 Important Questions Set -1 Click hrer
अन्य किसी भी जानकारी के लिये हमारी वेबसाइट www.studywithgyanprakash.com पर Visit करें !