Child Devolpment 15 Important Questions
बाल विकास से सम्बन्धित 15 महत्वपूर्ण प्रश्नों का दूसरा सेट उपलब्ध करा रहें हैं , जो की आगामी शिक्षक भर्ती परीक्षाओं में पूंछे जायेंगें, अतः आप सभी अपनी परीक्षा की तैयारी को और सुगम बनाने के लिये इन प्रश्नों का अध्ययन अवश्य करें !
Imp. CTET, UPTET, RTET, KTET,MPTET, BIHAR TET, UKTET etc
- अधिगम का अर्थ होता है – सीखना
- अधिगम व्यक्तित्व के सर्वागीण विकास में सहायक होता है ! इसके द्वारा जीवन के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायता मिलती है !
- अधिगम एक प्रक्रिया है, जो जीवन – पर्यन्त चलती रहती है एवं जिसके द्वारा हम कुछ ज्ञान अर्जित करते है या जिसके द्वारा हमारे व्यवहार में परिवर्तन होता है !
- जन्म के तुरन्त बाद से ही व्यक्ति सीखना प्रारम्भ कर देता है !
- स्कूल के भीतर और बाहर, दोनों जगहों पर सीखने की प्रक्रिया चलती रहती है ! इन दोनों जगहों में यदि सम्बन्ध रहे तो सीखने की प्रक्रिया पुष्ट होती है !
- सभी बच्चे स्वभाव से ही सीखने के लिये प्रेरित रहते है और उनमें सिखने की क्षमता होती है !
- बच्चे मानसिक रूप से तैयार हों, उससे पहले ही उन्हें पढ़ा देना, बाद की अवस्थाओं में उनमें सीखने की प्रवृति को प्रभावित करता है ! उन्हें बहुत-से तथ्य ‘याद’ तो रह सकते है लेकिन सम्भव है की वे न तो उन्हें समझ पाएं, न ही उन्हें अपने आस-पास की दुनिया से जोड़ें पाए !
शैशवावस्था एवं इसके दौरान अधिगम
- जन्म से 6 वर्ष तक की अवस्था को शैशवावस्था कहा जाता है ! इसमें जन्म से 3 वर्ष तक बच्चों का शारीरिक एवं मानसिक विकास तेजी से होता है !
- इस काल में बच्चों का समाजीकरण भी प्रारम्भ हो जाता है !
- मनोवैज्ञानिकों की दृष्टि से यह काल भाषा सीखने की सर्वोत्तम अवस्था है !
- यह काल शिक्षा की दृष्टि से सर्वाधिक महत्वपूर्ण माना जाता है !
बाल्यावस्था एवं इसके दौरान अधिगम
- 6 वर्ष से 12 वर्ष तक की अवस्था को बाल्यावस्था कहा जाता है
- बाल्यावस्था के प्रथम चरण 6 से 9 वर्ष में बालकों की लम्बाई एवं भार दोनों बढ़ते है !
- इस काल में बच्चों में चिन्तन एवं तर्क शक्तियों का विकाश हो जाता है !
- इस काल के बाद से बच्चे पढाई में रूचि लेने लगते है !
- मनोवैज्ञानिक की दृष्टी से इस अवस्था में बच्चों की शिक्षा के लिये विभिन्न विधियों का प्रयोग करना चाहिए !
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