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G-SAT 11 महत्वपूर्ण बिन्दु

G-SAT 11 

देश का अब तक का सबसे भारी-भरकम उपग्रह ‘जीसैट-11’ सफलतापूर्वक 5 दिसम्बर 2018 को लांच किया गया ।

इसे यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी एरियानेस्पेस के एरियाने-5 रॉकेट से फ्रेंच गुआना से प्रक्षेपित किया गया ।

उच्च प्रवाह क्षमता वाले इस संचार उपग्रह का निर्माण भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने किया है ।

5,854 किलोग्राम है जीसैट-11 उपग्रह का कुल वजन

04 मीटर है, इसके प्रत्येक सौर पैनल की लंबाई

पृथ्वी से 36,000 किलोमीटर की ऊंचाई पर होगा स्थापित

15 साल से अधिक होगा इसका जीवनकाल

40 ट्रांसपॉण्डर लगे हैं इस उपग्रह में कू-बैंड और का-बैंड आवृत्तियों में

14 गीगाबाइट प्रति सेकंड की दर से डाटा भेजने में सक्षम हैं ये ट्रांसपॉण्डर

यह उपग्रह कई स्पॉट बीम का उपयोग करता है जो इंटरनेट की गति और संपर्क को बढ़ाते हैं !

स्पॉट बीम विशेष रूप से केंद्रित संकेत है जो उपग्रह का भौगोलिक क्षेत्र तय करता है

बीम अर्थात किरण जितना सीमित होगा, क्षमता उतनी ही ज्यादा होगी !

जीसैट-11 पूरे देश के लिए प्रति सेकंड 16 गीगाबिट की गति से डाटा संचारित करेगा !

इस उपग्रह के पेलोड में 40 उच्च शक्ति Ku, Ka बैंड ट्रांसपोंडर शामिल हैं जो अहमदाबाद में अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र में बनाए गए हैं ।

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