स्थापना दिवस – 25 जनवरी 1971
क्षेत्रफल – 55,673 कि०मी०
जनसंख्या- 68,64,602 (2011)
साक्षरता – 83.78%
राजधानी – शिमला
घनत्व – 123 प्रति वर्ग कि०मी०
जिले – 12
भाषा – हिन्दी
हिमाचल प्रदेश उत्तर पश्चिमी भारत में स्थिर एक राज्य है यह 36019 कि०मी० से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है तथा उत्तर में जम्मू कश्मीर व पश्चिम तथा दक्षिण – पश्चिम में पंजाब दक्षिण में हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश दक्षिण पूर्व में उत्तराखंड तथा पूर्व में तिब्बत से घिरा हुआ है ! हिमाचल प्रदेश का शाब्दिक अर्थ बर्फीले पहाड़ों का प्रान्त व “देवभूमि” भी कहा जाता है !
सन 1857 तक यह महाराजा रणजीत सिंह के शासन के अधीन पंजाब राज्य का हिस्सा था सन 1950 में इसे हिमाचल प्रदेश राज्य अधिनियम-1971 के अंतर्गत इसे 25 जनवरी 1971 को भारत का अठारहवॉ राज्य बनाया गया !
हिमाचल प्रदेश का भूगोल –
हिमाचल प्रदेश हिमालय पर्वत की शिवालिंक श्रेणी का हिस्सा है शिवालिंक पर्वत श्रेणी से ही घग्गर नदी निकलती है, सतलज और व्यास अन्य प्रमुख नदियों भी इस राज्य से शामिल है, हिमाचल का उत्तरी भाग लद्दाख के ठंडे मरुथल का विस्तार है हिमालय की तीनों मुख्य पर्वत श्रंखलाएँ, बृहत हिमालय, लघु हिमालय; जिन्हें हिमाचल में धौलाधार और उत्तरांचल में नागतीभा कहा जाता है, उत्तर-दक्षिण दिशा में फैली शिवालिक श्रेणी, इस हिमालय खंड में स्थित हैं
जलवायु –
हिमाचल में तीन ऋतुएं होती हैं – ग्रीष्म ऋतु, शरद ऋतु और वर्षा ऋतु। हिमाचल प्रदेश की समुद्रतल से ऊंचाई की विविधता के कारण जलवायु में भी भिन्नता है। कहीं पर सारी वर्ष बर्फ गिरती है, तो कहीं गर्मी होती हे। । ऐसा समुद्रतल से ऊंचाई की भिन्नता की वजह से है।
हिमाचल प्रदेश कि प्रमुख नदिया –
हिमाचल प्रदेश में पाँच प्रमुख नदियाँ बहती है ! हिमाचल प्रदेश में बहने वाले पाँच नदियों एवं छोटे – छोटे नाले कि तरह बारह महीने बहती रहती है इनके स्त्रोत बर्फ से ढकी पहाड़ियों में स्थिर हैं, (चिनाब) पुरूष्णी (रावी), अरिजिकिया (ब्यास) तथा शतदुई (सतलुज) पांचवी नदी यमुना जो यमुनोत्तरी से निकलती है उसका सूर्य देव से पौराणिक संबंध दर्शाया जाता है।
1. रावी नदी –
रावी नदी का प्राचीन नाम ‘इरावती और परोष्णी’ है। रावी नदी मध्य हिमालय की धौलाधार शृंखला की शाखा बड़ा भंगाल से निकलती है। रावी नदी ‘भादल’ और ‘तांतागिरि’ दो खड्डों से मिलकर बनती है। ये खड्डें बर्फ पिघलने से बनती है। यह नदी चंबा से खेड़ी के पास पंजाब (भारत) में प्रवेश करती है और पंजाब से पाकिस्तान में प्रवेश करती है। यह भरमौर और चंबा शहर में बहती है। यह बहुत ही उग्र नदी है।
2. ब्यास नदी –
ब्यास नदी का पुराना नाम ‘अर्जिकिया’ या ‘विपाशा’ था। यह कुल्लू में व्यास कुंड से निकलती है। व्यास कुंड पीर पंजाल पर्वत शृंखला में स्थित रोहतांग दर्रे में है। यह कुल्लू, मंडी, हमीरपुर और कांगड़ा में बहती है। कांगड़ा से मुरथल के पास पंजाब में चली जाती है। मनाली, कुल्लू, बजौरा, औट, पंडोह, मंडी, सुजानपुर टीहरा, नादौन और देहरा गोपीपुर इसके प्रमुख तटीय स्थान हैं
3. चिनाव नदी –
चिनाव नदी जम्मू-कश्मीर से होती हुई पंजाब राज्य में बहने वाली नदी है। पानी के घनत्व की दृष्टि से यह प्रदेश की सबसे बड़ी नदी है। यह नदी समुद्र तल से लगभग 4900 मीटर की ऊंचाई पर बारालाचा दर्रे (लाहौल स्पीति) के पास से निकलने वाली चन्द्रा और भागा नदियों के तांदी नामक स्थान पर मिलने से बनती है। इस नदी को वैदिक साहित्य में ‘अश्विनी’ नाम से संबोधित किया गया है। ऊपरी हिमालय पर टांडी में ‘चन्द्र’ और ‘भागा’ नदियां मिलती हैं, जो चिनाव नदी कहलाती है !
4. यमुना –
यमुना उत्तराखंड में यमुनोत्री ग्लेशियर से निकलती है। हिमाचल में पोंटा साहिब और ताजेवाल से होकर हरियाणा में प्रवेश करती है।
5. सतलुज –
सतलुज हिमाचल प्रदेश की प्रमुख नदियों में से एक है, यह तिब्बत में मानसरोवर झील से निकलती है। भारत में सतलुज किन्नौर में शिपकी नामक स्थान से प्रवेश करती है। हिमाचल में सतलुज मुख्यत: किन्नौर, बिलासपुर और शिमला में बहती है, तत्पश्चात सतलुज पंजाब में प्रवेश करती है।
कृषि एवं बागवानी –
प्रकृति ने हिमाचल प्रदेश को व्यापक कृषि जलवायु परिस्थितियां प्रदान की हैं जिसकी वजह से किसानों को विविध फल उगाने में सहायता मिली है। बागवानी के अंतर्गत आने वाले प्रमुख फल हैं-सेब, नाशपाती, आडू, बेर, खूमानी, गुठली वाले फल, नींबू प्रजाति के फल, आम, लीची, अमरूद और झरबेरी आदि !
जिले-
1. उना
2. कांगड़ा
3. किन्नौर
4. कुल्लू 5. चम्बा
6. बिलासपुर
7. मंडी
8. लाहौर और स्पीति 9. शिमला
10. सिरमौर
11. सोलन
12. हमीरपुर
शिक्षा –
हिमाचल प्रदेश देश के उन कुछ राज्यों में हैं, जहाँ शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई ! राज्य में साक्षरता का औसत 83.7 प्रतिशत है ! राज्य में सरकारी क्षेत्र के तीन विश्वविद्यालय, दो मेडिकल कालेजों, एक अन्य शिक्षण संस्थाओं समेत 17.000 शिक्षण संस्थान है !
यातायात –
दुर्गम स्थानों पर ढुलाई का काम खच्चर से लिया जाता है ! हिमाचल प्रदेश में, खासतौर से राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों में सड़कें एक तरफ से जीवनरेखा और आवाजाही का मुख्य साधन है ! वर्तमान में प्रदेश में सड़कों की लम्बाई 33,171 कि०मी० है भारत – तिब्बत रोड शिमला से सतलुज नदी के साथ- साथ शिपकी घाटी में से होती हुई तिब्बत को जाती है कांगड़ा घाटी में रेलवे लाइन है, जो पठानकोट से कांगड़ा होती हुई जोगिंदरनगर तक जाती है !
खनिज प्रदार्थ-
हिमाचल में अनेक प्रकार के खनिज होते है। इनमें चूने का पत्थर, डोलोमाइट युक्त चूने की पत्थर, चट्टानी नमक, सिलिका रेत और स्लेट होते है। यहां लौह अयस्क, तांबा, चांदी, शीशा, यूरेनियम और प्राकृतिक गैस भी पाई जाती है।
प्रदेश की बिजली परियोजनाएं-
हिमाचल प्रदेश में कई प्रकार से विद्युत ऊर्जा प्राप्त होती है। यह नाभिकीय स्रोत, जल विद्युत, सौर ऊर्जा, कोयले और पेट्रोलियम पदार्थ आदि से प्राप्त होती है। हिमाचल प्रदेश में जल विद्युत उत्पादन की अधिक क्षमता है, क्योंकि प्रदेश में पांच प्रमुख नदियां और अनेक सहायक नदियां हैं। नदियों पर बांध बनाकर जल विद्युत उत्पन्न की जाती है।
1. पौंग बांध परियोजना-
यह बांध कांगड़ा जिला में व्यास नदी पर देहरा से 35 किलोमीटर दूर पौंग गांव की भूमि पर बना है, जो देश का सबसे ऊंचा राक-फिल डैम है। इसकी ऊंचाई 435 फुट है और इस पर 160 करोड़ रुपए व्यय हुए हैं। इसमें 5.6 मिलियन एकड़ फुट पानी जमा रखा जाता है, हालांकि इसमें कुल 6.6 एकड़ मिलियन फुट पानी जमा किया जा सकता है।
2. भाखड़ा बांध परियोजना-
यह बांध सतलुज नदी पर जिला बिलासपुर के भाखड़ा गांव में बना है, जो सन् 1948 में शुरू होकर सन् 1963 में बनकर तैयार हुआ था। इसकी ऊंचाई 226 मीटर है। यह एशिया का सबसे ऊंचा बांध है। इसमें दो विद्युत घर हैं, जिनमें 1200 मेगावाट बिजली पैदा करने की क्षमता है। इस बांध के कारण गोविंद सागर झील बनी है।
मुख्य नगर –
शिलमा सुन्दर स्वार्थवर्धक स्थान और राजधानी है ! धर्मशाला, डल्हौजी, कुल्लू और मनाली अन्य स्वार्थवर्धक हिल स्टेशन है ! कांगड़ा एतिहासिक नगर है ! इसके निकट ज्वालाजी का मन्दिर है ! जिला मंडी में जोगिन्दरगर के निकट मंडी हाइड्रो-इलैक्ट्रोनिक वर्क्स नाम का बिजली का कारखाना है जो ऊह्लल नदी के पानी को 4 किलोमीटर लम्बी सुंरग में से गुजार कर 550 मीटर की ऊँचाई से नीचे गिराकर, उस प्रपात की शक्ति से चलता है !
चम्बा, सुन्दरनगर, कल्पा, कुफरी, बिलासपुर,नगरौटा, हमीरपुर, उना, सोलन और कसौली अन्य मुख्य स्थान है ! कुल्लू के नजदीक माणिकरण में गर्म पानी का स्त्रोत है !तथा प्रसिद्ध गुरुद्वारा भी है ! बैजनाथ, चिन्तपुर्णि, नैना देवी अन्य धार्मिक स्थान है !