हिन्दी भाषा से संबन्धित तथ्य-
हिन्दी का विकास चार शाखाओं में हुआ है। ये शाखाएं निम्नलिखित हैं-
- पूर्वी हिन्दी
- पश्चिमी हिन्दी
- दक्षिणी हिन्दी
- हिन्दुस्थानी
- पूर्वी हिन्दी के अंतर्गत अवधी, बघेली और छत्तीसगढ़ी भाषा आती है।
- पश्चिमी हिन्दी के अंतर्गत राजस्थानी, गुजराती, पंजाबी, कन्नौजी, बुन्देली, वृजभाषा तथा बंगला भाषा बोली जाती है।
- दक्षिणी हिन्दी के अंतर्गत म.प्र., बम्बई, कोचीन तथा मैसूर में बोली जानें वाली हिन्दी आती है।
- हिन्दुस्थानी के अंतर्गत दोआब से दिल्ली तक बोली जानें वाली भाषा आती है।
- हिन्दी जनसंख्या की दृष्टि से बोली जाने वाली तीसरी सबसे ज्यादा प्रयोग की जाने वाली भाषा है।
- विश्व हिन्दी सम्मेलन का आयोजन पहली बार 10 जनवरी से 14 जनवरी 1975 के मध्य नागपुर भारत मे हुआ था।
- विश्व हिन्दी सम्मेलन का आयोजन प्रत्येक चार वर्ष पर होता है।
- 10वां विश्व हिन्दी सम्मेलन भोपाल में 2015 मे हुआ था।
- 11वांविश्व हिन्दी सम्मेलन 2018 मे मारिशस में होगा।
- इन सम्मेलनों का उद्दश्य हिन्दी को संयुक्त राष्ट्र संघ की भाषाओं मे स्थान दिलाना है।
- हिन्दी को भारत की राजभाषा के रूप में चुनने का सुझाव सर्वप्रथम पं. मदन मोहन मालवीय नें सुझाया।
- संविधान सभा को हिन्दी को राजभाषा मे चुनने का सुझाव गोपाल स्वामी आयंगर ने सुझाया।
- संविधान मे हिन्दी को स्थान 14 सितंबर 1949 को मान्यता मिली, इसीलिए प्रतिवर्ष 14 सितंबर को हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- विश्व हिन्दी दिवस –विश्व हिन्दी दिवसप्रति वर्ष 10 जनवरी को मनाया जाता है।
- संविधान के अनुच्छेद 343 के तहत संघ की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी को माना जाता है।
- अनुच्छदे 344 में प्रथम राजकीय भाषा आयोग का गठन 1955 में तत्कालीन राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद नें बाल गंघाधर तिलक की अध्यक्षता मे किया।
- अनुच्छेद 350 क के तहत प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा में शिक्षा का प्रावधान है।
- किसी भी भाषा को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल किया जाता है,
- प्रारम्भ में आठवी अनुसूची में 14 भाषाएं थी, वर्तमान में भाषाओं की संख्या है 22।
- 21 संविधान संशोधन (1967) के द्वारा सिन्धी भाषा को आठवी अनुसूची में स्थान मिलॉ।
- 71 वें संविधान संशोधन 1992 के द्वारा नेपाली, कोंकड़ी तथा मणिपुरी को आठवीं अनुसूची में जगह दी गई।
- 92वें संशोधन 2003 में बोडो, डोगंरी, मैथिली तथा संथाली भाषा को आठवी अनुसूची में जोड़ा गया।
- उत्तर प्रदेश की दो राजकीय भाषाँए है- हिन्दी तथा उर्दू
- उत्तराखंड की दूसरी राजकीय भाषा के रूप में संस्कृत को मान्यता प्राप्त है।
- हिन्दी की प्रथम रचना पृथ्वीराज रासो है जिसके रचनाकर चन्दबरदाई
- हिन्दी के प्रथम गीतकार विद्यापति को माना जाता है।
- खड़ी बोली का प्रथम महाकाव्य – प्रिय प्रवास, प्रियप्रवास, अयोध्यासिंह “हरिऔध”की हिन्दी काव्य रचना है। हरिऔध जी को काव्यप्रतिष्ठा “प्रियप्रवास” से मिली। इसका रचनाकाल सन् 1909 से सन् 1913 है।
- छायावाद की प्रथम रचना है- झरना,जिसके रचनाकार हैं- जयशंकर प्रसाद
- हिन्दी का प्रथम महाकाव्य किसे माना जाता है- पृथ्वीराजरासो को
- हिन्दी का प्रथम उपन्यास है-परीक्षागुरू. रचनाकार हैं- परीक्षा गुरूहिन्दी का प्रथम उपन्यास था जिसकी रचना भारतेन्दु युग के प्रसिद्ध नाटककार लाला श्रीनिवास दास ने 25 नवम्बर,1885 को की थी।
- हिन्दी का प्रथम एकांकी –एक घूंट (जयशंकर प्रसाद)
- खड़ी बोली पद्य का प्रथम प्रयोग कर्ता हैं- अमीर खुसरो
- हिन्दी का प्रथम पत्र- उदंत मार्तंड
- सबसे पहला हिन्दी दैनिक- समाचार सुधा वर्षण
- ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित प्रथम साहित्यकार- सुमित्रानंदन पंत (चिदंबरा)
- ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित पहली महिला साहित्यकार- महादेवी वर्मा यामा के लिए
- हिन्दी की प्रथम रचना- श्रावकाचार
- हिंदी की आदि कवियित्री- मीरा
- भारत का प्रथम समाचार पत्र- बंगाल गजट
- बंगालगजत भारत मे प्रकाशित होने वाला एक अंग्रेजी भाषा का पहला समाचार पत्र था। इसके प्रकाशक जेम्स आगस्टस हिक्की (James Augustus Hickey) थे। यह एक साप्ताहिक पत्र था जो कोलकाता से सन् १७७९ में आरम्भ हुआ। हिकीगजट के प्रकाशन का एक कारण बाजार के लिए सूचनाएं उपलब्ध कराना था। यह मानना कि वह अंग्रेजी प्रशासन के विरोध के लिए निकाला गया गलत और भ्रामक है। हां यह जरूर है कि उसमें अंग्रेजी प्रशासन में व्याप्त भ्रप्टाचार और रिश्वतखोरी के समाचार प्रमुखता से होते थे।