जम्मू कश्मीर भौगोलिक परिचय
स्थापना दिवस – 26 अक्टूबर 1947
क्षेत्रफल – 2,22,236 वर्ग कि.मी.
जनसंख्या – 1,25,48,926 (2011)
राजधानी – श्रीनगर (जम्मू कश्मीर)
साक्षरता – 68.74%
घनत्व – 124 प्रति वर्ग कि.मी.
मुख्य भाषाएँ- लद्दाखी, कश्मीरी,
उर्दू, डोगरी,
गुजरी, बाल्टी
कश्मीर घाटी को पृथ्वी का स्वर्ग भी कहा जाता है !
स्तिथि :-
जम्मू और कश्मीर राज्य, भारत के उत्तरी भाग में स्थित है ! इसके उत्तर में चीन का सिंक्याँग प्रदेश और अफगानिस्तान और कुछ दुरी पर पूर्व सोवियत संघ के विभाजन से बना तजाकिस्तान है, पूर्व की ओर चीन का तिब्बत स्वायत्त प्रदेश है, दक्षिण – पूर्व में भारत के हिमाचल प्रदेश और पंजाब राज्य हैं, तथा दक्षिण और पश्चिम की ओर पाकिस्तान है !
प्राकृतिक दृष्टि से कश्मीर को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है :
1. जम्मू क्षेत्र की बाह्य पहाड़ियाँ तथा मध्यवर्ती पर्वतश्रेणियाँ,
2. कश्मीर घाटी,
3. सुदूर बृहत् मध्य पर्वतश्रेणियाँ जिनमें लद्दाख, बल्तिस्तान एवं गिलगित के क्षेत्र सम्मिलित हैं।
भौगिलोक रूप से जम्मू और कश्मीर में (i) पहाड़ी और अर्द्दपहाड़ी मैदानों का क्षेत्र कंडी पट्टी (ii) शिवालिक पहाड़ियों पर्वतीय क्षेत्र (iii) तिब्बत से लगा लद्दाख व कारगिल क्षेत्र है ! इस राज्य में श्री नगर अथवा कश्मीर की मनोहर घाटी और हिमाचल पर्वत की अत्यंत ऊँची हिमाच्छादित श्रेणियाँ हैं !
जिले-
1. अनन्तनाग
2. बडगाम
3. बांदीपुर
4. बारामूला
5. डोडा
6. जम्मू
7. कुलगाम 8. कठुआ
9. किश्तवाड़
10. कुपवाड़ा
11. लेह
12. पुलवामा
13. कारगिल
14. पुंछ 15. रामबन
16. रियासी
17. सांबा
18. सोपिया
19. श्रीनगर
20. उधमपुर
21. गंदरबल
22. राजौरी
प्रमुख नगर व पर्यटन केंद्र
जम्मू –
चेनाब की सहायक नदी तवी की घाटी में स्थित हैं, यहाँ सर्दी कम पड़ती है ! यह राज्य की शीतकालीन राजधानी है तथा यहाँ विश्वविद्यालय भी है !
श्रीनगर –
राज्य की राजधानी है ! झेलम नदी पर बर्फिले पर्वतों के बिच में अति रमणीक स्थान है ! यहाँ एक विश्व विद्यालय स्थित है तथा टेलीविजन के पुर्जे बनाने के कारखाने है !
कश्मीर की घाटियों में शालीमार बाग़, चश्मेशाही झरना, पहलगाम, सोनमर्ग और अमरनाथ की पर्वत गुफा, श्रीनगर की डल झील, पटनीटांप हिल स्टेशन, जम्मू के निकट वैष्णों देवी का प्रवित्र मन्दिर, लद्दाख के बौद्दमठ तथा अनन्तनाग, वेरीनाग, गुलमर्ग व टनमर्ग राज्य के प्रमुख पर्यटन आकर्षण हैं !
नदियाँ –
सिन्धु, श्योक, गलवान, चिपचाप, झेलम, चेनाब, तवी, रावी, किशन गंगा !
झीलें –
वुल्लर, डल, पंगोंग छो, छो मोरारी, स्पंगुर !
नहरें –
कठुआ नहर, प्रताप नहर, तवी लिफ्ट, रावी नहर !
जलवायु –
इस प्रदेश की जलवायु शीतल और स्वास्थ्यवर्धन है ! पर्वतीय भाग अति ठन्डे और
बर्फ से ढके है !
उपज तथा उद्योग –
पर्वत चिड, चिनार,सफ़ेद आदि वृक्षों के वनों से ढके हुए है ! वहाँ के सेब, नाशपाती, आलू बुखार, स्ट्राँबरी, चेरिग्लास, अंगूर, आडू, अखरोट, बादाम और केसर मुख्य उपज है !शहतूत के पंत्तों पर रेशम के कीड़े पाले जाते है और रेशम का कपड़ा बनाया जाता है !यहाँ के मैदानों में गेहूँ व जौव की खेती भी की जाती है और भेड़ बकरियाँ भी पाली जाती है उअर उनका ऊन से सुन्दर शाल- दुशाले बनाये जाते है ! कश्मीरी कारीगिरी द्वारा चाँदी व ताँबे के अति सुन्दर सजावटी बर्तन बनाते है ! कोयला जम्मू से कुछ दूरी पर जंगलगली और कालाकोट में मिलता है, लोहा, तांबा, सिक्का, जस्ता, निकिल, मैगनीज, सोना, पत्थर, नीलम, पुखराज आदि आये जाते हैं !
नई सड़कें, सुरंग –
यातायात को सुगम बनाने के लिए रावी नदी के आर-पार एक बड़ा भारी पुल बनाया गया है, जो पंजाब के जिला गुरदासपुर में स्थित माधोपुर ग्राम और कठुआ के बीच है ! इसके साथ ही रेल का पुल भी बनाया गया है ! इसके साथ –साथ की कठुआ से एक पक्की सड़क जसरोटा, सांबा होती हुई जम्मू नगर को जाती है !
जम्मू से श्रीनगर जाने वाली सड़क शीतकाल में बर्फ पड़ने कारण बन्द हो जाती थी,
अत: पीर जंगल पर्वत में “जवाहर सुरंग” नाम की एक बड़ी सुरंग निकाल कर जम्मू और श्रीनगर के बिच सदा खुली रहने वाली सड़क चालू की गई है ! यह मार्ग पहले मार्ग की अपेक्षा छोटा भी है !