• Skip to primary navigation
  • Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
  • About Us
  • Blog
  • Contact Us
  • Terms & Conditions
  • Privacy Policy
  • Generic selectors
    Exact matches only
    Search in title
    Search in content
    Post Type Selectors

StudywithGyanPrakash

Sarkari Naukari 2018 News and Discussions

  • Home
  • Jobs
  • EXAMS
    • LT GRADE EXAM
    • NET
    • UGC NET
    • सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा
    • UPTET
    • UPPCS
    • UPPSC
    • UPSI
    • BASIC
  • Admit Cards
  • Syllabus
  • Study Material
    • Question Papers
    • Biography – Jeevan Parichay
  • Mock Tests
  • Current Affairs
  • RESULTS
  • MORE
    • Videos
    • Buy Books & Notes
You are here: Home / Maths / सांख्यिकी केन्द्रीय प्रवृत्ति की मापें (Measures of Central Tendency)

सांख्यिकी केन्द्रीय प्रवृत्ति की मापें (Measures of Central Tendency)

December 24, 2017 By Gyan Prakash

Share14
Tweet
Pin1
Share
15 Shares

Table of Contents

    • केन्द्रिय प्रवृत्ति का अर्थ ( Meaning of Central Tendency )-
    • केन्द्रिय प्रवृत्ति की विभिन्न मापें–
    • Various Measures of Central Tendency-
  • 1. मध्यमान Mean-
    • मध्यमान के गुण–
    • मध्यमान के दोष Demerits of Mean-
  • 2. मध्यांक Median-
    • मध्यांक के गुण  ( Merits of Median)-
    • मध्यांक के दोष ( Demerits of Median)-
  • बहुलांक मान Mode-
    • बहुलांक के गुण Merits of Mode-
    • बहुलांक के दोष Demerits of Mode-

केन्द्रिय प्रवृत्ति का अर्थ ( Meaning of Central Tendency )-

“केन्द्रिय प्रवृत्ति उस माप को कहते हैं, जो दिये गये आकड़ों  (Data) का प्रतिनिधित्व करता है।”

दूसरे शब्दों में-

“केन्द्रिय प्रवृत्ति के मापों से तात्पर्य औसत मान (Average Value) से होता है।”

सांख्यिकी में औसत का अर्थ ही केन्द्रिय प्रवृति की माप से लगाया जाता है।

रास के अनुसार-

“केन्द्रिय प्रवृत्ति का मान वह मान है, जो समस्त आकड़ों का श्रेष्ठतम प्रतिनिधित्व करता है।”

 

केन्द्रिय प्रवृत्ति की विभिन्न मापें–

Various Measures of Central Tendency-

mean median mode statistics

There are mainly three types of measures of Central Tendency.

  1. Mean मध्यमान
  2. Median मध्यांक
  3. Mode बहुलांक

इन तीनों विधियों में सबसे अधिक शुद्धता मध्यमान से प्राप्त होता है, इसकी विश्वसनीयता भी अधिक मानीं जाती है।

मध्यांक मध्यमान से कम शुद्ध माना जाता है, जबकि बहुलांक मध्यमान और मध्यांक से कम शुद्ध गणना करता है। तीनों ही विधियों में सबसे अधिक समय मध्यमान की गणना में लगता है।

1. मध्यमान Mean-

परिभाषा– गणितीय मध्यमान भिन्न भिन्न आकड़ों के योग को उनकी संख्या में विभाजित करनें पर प्राप्त मूल्य है।

सिम्पसन एवं काफ्का के शब्दों में–

मध्यमान एक लब्धि है, जो कि समूह में पदों के योग को पदों की संखया से विभाजित करनें पर प्राप्त होता है।

उदाहरण–

संख्याओं  20, 10, 5, 15 10 का मध्यमान Mean ज्ञात कीजिए।

हल- संख्याओं का योग /  संख्याओं की संख्या

  • 60/ 4= 15 Answer.

मध्यमान के गुण–

  • किसी भी एक मान के ज्ञात न होनें पर मध्यमान की गणना संभव नहीं, इस प्रकार मध्यमान सभी आकड़ों का उचित प्रतिनिधित्व प्रदान करता है।
  • इसका द्वारा समस्त शोधकर्ता समान मूल्य प्राप्त करते हैं, क्योकि इसमें निश्चित नियमों ( सूत्रों) का प्रयोग किया जाता है, इसलिए यह एक विश्वसनीय विधि है।
  • मध्यमान के समस्त अंको के विचलन का योग शून्य होता है, इस प्रकार यह एक संतुलन विन्दु होता है।
  • मध्यामान सबसे अधिक बार केन्द्रिय प्रवृत्ति की मापों में प्रयुक्त होता है क्योकि यह एक सरल व गणना करनें में आसान विधि से प्राप्त हो जाता है।
  • बीजगणितीय नियमों से प्रयोग से अज्ञात आकड़ों को भी इस विधि से प्राप्त किया जा सकता है।
  • मध्यमान से लिए गये विचलनों के वर्ग का योग किसी अन्य मूल्य से लिए गये विचलन के वर्गों के योग से कम होता है।

मध्यमान के दोष Demerits of Mean-

  1. यदि अंक श्रृंखला में एक मूल्य ज्ञात न हो तो मध्यमान की गणना नहीं की जा सकती है।
  2. मध्यमान की गणना सभी मूल्यों की सहायता से की जा सकती है, अत कभी कभी असामान्य या सीमान्त पद इसके मूल्यों को प्रभावित करते हैं। इसी कारण यह मापन अंकों का प्रतिनिधित्व नहीं कर पाता है।
  3. कभी कभी यह अवास्तविक मूल्य भी प्रदर्शित करता है।

2. मध्यांक Median-

गैरेट के अनुसार–

जब अव्यवस्थित अंक या अन्य माप आकार या मूल्यों के अनुसार क्रमबद्ध हो तो उनके मध्य का अंक मध्यांक कहलाता है।

गिलफोर्ड के अनुसार–

मध्यांक मान किसी मापनीं पर उस विन्दु के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जिसके ऊपर ठीक आधी इकाईयां व जिसके नीचे ठीक आधी इकाईयां स्थित होती है।

दूसरे शब्दों में

मध्यांक ज्ञात करनें के लिए सबसे पहले हमें दिये गये आकड़ों को एक व्यवस्थित क्रम में रखनें के पश्चात मध्य का अंक मध्यांक के रूप में चुन लिया जाता है।

उदाहरण के लिए–

14, 24, 30 31, 36, 44, 60 मे मध्यांक 31 है।

मध्यांक के गुण  ( Merits of Median)-

  1. गणना करनें में सरल व समय की बचत होती है।
  2. मूल्य सदैव निश्चित रहता है।
  3. सीमान्त मूल्यों के ज्ञात न होने पर भी मध्यांक की गणना संभव है।

मध्यांक के दोष ( Demerits of Median)-

  1. कभी कभी जब मूल्यों के मान मे पर्याप्त भिन्नता पाई जाती है तो इसके द्वारा प्राप्त मान समस्त आकड़ों को उचित प्रतिनिधित्व नहीं करता है।
  2. बीजगणितीय विवेचन संभव नहीं है।
  3. किसी सूत्र के प्रयोग न होनें से प्राप्त मान विश्वसनीयता खो देतै है।

बहुलांक मान Mode-

किसी भी आवृत्ति वितरण में बहुलांक मान वह मान है जिसकी आवृत्ति सर्वार्धिक होती है।

गिलफोर्ड के अनुसार–

किसी वितरण में वह बिन्दु जिसकी आवृत्ति सर्वार्धिक हो, बहुलांक कहलाता है।

उदाहरण के लिए-

आवृत्ति वितरण 1, 2, 2, 4,9, 6, 16, 18, 2, 13, 2, 2, 45, 2 में बहुलांक ज्ञात कीजिए।

इस आवृत्ति वितरण में 2 की आवृत्ति सर्वार्धिक बार है अतह 2 बहुलांक Mode है।

बहुलांक के गुण Merits of Mode-

  1. गणना करना सबसे सरल है।
  2. सीमान्त पदों के बिना भी गणनीय है।
  3. इसकी गणना में केवल अधिकतम केन्द्रीयकरण का बिन्दु ज्ञात होना ही पर्याप्त है।

बहुलांक के दोष Demerits of Mode-

  1. प्राप्त परिणाम संदेहास्पद होता है।
  2. अनिश्चित व सबसे अपरिभाषित विधि है।
  3. इसकी गणना समस्त मूल्यों पर निर्भर नहीं होती है, इसकी गणना करनें के लिए केवल सर्वार्धिक आवृत्ति वाले मूल्य का ही मान ज्ञात होना पर्याप्त है।
Post Views: 105,776
Share14
Tweet
Pin1
Share
15 Shares

Filed Under: Answer Key, FEATURED, Maths

Primary Sidebar

Latest Updates

  • Bihar STET Exam OnTime परीक्षा पोस्टपोन की फेक न्यूज वायरल
  • UPSSSC PET 2025 Objection Link for 6 and 7 September All Shift
  • बेसिक शिक्षा परिषद जूनियर टीचर भर्ती क्यो नही आती है UP Basic Junior Teachers Vacancy
  • BPSC AEDO Recruitment 2025 Total Post- 935 Eligibility Only Graduate
  • UPPSC GIC LECTURER EXAM 2020 GS PAPER SOLVED
  • UPPSC GIC LECTURER EXAM 2020 GS PAPER SOLVED
  • UPPSC GIC LECTURER EXAM 2020 GS PAPER SOLVED
  • UPPSC GIC Lecturer Question paper 2020 GS
  • LT Grade 2025 Notification Age Elibibility Syllabus for Pre and Mains
  • UPPSC LT GRADE SHORT NOTIFICATION 2025 Total Post 7466 UPPSC UP NIC IN
  • UPSSSC Junior Assistant Exam 5512 post Exam Date 29 June question paper Official Answer key
  • ECCE Educator 8800 Post – UP Bal Vatika Anganwadi Bharti 2025
  • पहली बार मनाये जाने वाले महत्वपूर्ण दिवस – Important Question
  • BEd Assistant Professor New Educational Qualification by UPESSC UPHESC AD 51
  • UP PGT Exam Postpone New Exam Date will be in August 2025

LATEST YOUTUBE VIDEOS

For more videos visit our channel

© 2025 · Study with Gyan Prakash · All Rights Reserved.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.
Go to mobile version