राज्य – राजस्थान
राजधानी – जयपुर
गठन -1 नवम्बर 1956
जिले – 33
जनसंख्या – 6,86,21,012 (2011)
क्षेत्रफल – 3,42,239 वर्ग कि०मी०
साक्षरता – 67.06%
घनत्व – 201 प्रति वर्ग कि०मी०
मुख्य भाषाएँ- हिन्दी, राजस्थानी,
वाहन अक्षर- RJ
स्थिति-
इसके पश्चिम की ओर पाकिस्तान है उत्तर की ओर पंजाब, उत्तर-पूर्व की ओर हरियाणा, पूर्व की ओर उत्तर प्रदेश,दक्षिण-पूर्व की ओर मध्य प्रदेश तथा दक्षिण – पश्चिम की ओर गुजरात राज्य हैं ! क्षेत्रफल की दृष्टी से राजस्थान भारत का 1 नवम्बर 2000 से सबसे बड़ा राज्य हैं ! आजादी से पहले यह क्षेत्र राजपूताना( राजपूतों का स्थान ) कहलाता था !
जलवायु –
राजस्थान की जलवायु शुष्क से उप-आर्द्र मानसूनी जलवायु है। अरावली के पश्चिम में न्यून वर्षा, उच्च दैनिक एवं वार्षिक तापान्तर, निम्न आर्द्रता तथा तीव्र हवाओं युक्त शुष्क जलवायु है। दूसरी ओर अरावली के पूर्व में अर्धशुष्क एवं उप-आर्द्र जलवायु है। अक्षांशीय स्थिति, समुद्र से दूरी, समुद्र ताल से से ऊंचाई, अरावली पर्वत श्रेणियों की स्थिति एवं दिशा, वनस्पति आवरण आदि सभी यहाँ की जलवायु को प्रभावित करते हैं।
प्राकृतिक खण्ड
(1) पश्चिमी रेतीला खण्ड – जैसलमेर, जोधपुर, बीकानेर, आदि का प्रदेश मरुभूमि है ! दक्षिणी भाग में लूनी नदी बहती है !
(2) पथरीला खण्ड- अरावली पर्वत,जयपुर,अजमेर चित्तौड़गढ़, उदयपुर, झालावाड़ आदि के प्रदेश है !
(3) पूर्वी मैदान – चम्बल, बानगंगा, बनास, पार्वती और काली सिंध नदियों के उपजाऊ मैदान हैं !
कृषि
उत्तरी सिंचिंत भाग तथा दक्षिणी – पूर्वी राजस्थान में गेंहू, चना, जौ, बाजरा, मूंग, मोठ,ज्वार, मक्का, कपास और गन्ने की खेती की जाती है ! इसके आलावा पिछले कुछ वर्षो में सब्जियों और संतरा तथा माल्टा जैसे नींबू प्रजाति के फलों के उत्पादन में काफी वृद्धि हुई है ! यहाँ की अन्य फसलें है- लाल मिर्च, सरसों, मेथी, जीरा और हिंग है !
सिंचाई की व्यवस्था-
त्यधिक शुष्क भूमि के कारण राजस्थान को बड़े पैमाने पर सिंचाई की आवश्यकता है। जल की आपूर्ति पंजाब की नदियों, पश्चिमी यमुना (हरियाणा) और आगरा नहर (उत्तर प्रदेश) तथा दक्षिण में साबरमती व ‘नर्मदा सागर परियोजना’ से होती है। यहाँ हज़ारों की संख्या में जलाशय (ग्रामीण तालाब व झील) हैं, लेकिन वे सूखे व गाद से प्रभावित हैं। ‘राजस्थान भांखड़ा परियोजना’ में पंजाब और ‘चंबल घाटी परियोजना’ में मध्य प्रदेश का साझेदार राज्य है। दोनों परियोजनाओं से प्राप्त जल का उपयोग सिंचाई व पेयजल आपूर्ति के लिए किया जाता है। 1980 के दशक के मध्य में स्वर्गीय प्रधानमंत्री की स्मृति में ‘राजस्थान नहर’ का नाम बदलकर ‘इंदिरा गांधी नहर’ रखा गया, जो पंजाब कीसतलुज और व्यास नदियों के पानी को लगभग 644 किलोमीटर की दूरी तक ले जाती है और पश्चिमोत्तर व पश्चिमी राजस्थान की मरुभूमि की सिंचाई करती है।
खनिज एवं उद्योग
राजस्थान सांस्कृतिक रूप में संवृद्ध होने के साथ – साथ कनीजों के मामलें में भी संवृद्ध रहा है और अब यह देश के आद्योगिक परिद्द्श्य में भी तेजी से उभर रहा है ! राज्य के प्रमुख केन्द्रीय प्रतिष्ठानों में देबरी ( उदयपुर) में जस्ता गलाने का संयंत्र, खेतड़ी (झुंझनू) में तांबा परियोजना और कोटा में सूक्ष्म उपकरणों का कारखाना शामिल है !
मुख्य उद्योग है : वस्त्र, ऊनी, कपड़े, चीनी, सीमेंट, कांच, सोडियम संयंत्र, आक्सीजन, वनस्पति रंग, कीटनाशक, जस्ता, उर्वरक,रेल के डिब्बे, बाँल बियरिंग, पानी व बिजली के मीटर, टेलीविजन सेट, सल्फ्यूरिक एसिड, सिंथेटिक धागे तथा तापरोधी इटें आदि ! बहुमूल्य और कम मूल्य के रत्नों का आलावा कास्टिक सोडा, कैलशियम कार्बाइड, नाइलोन तथा टायर आदि अन्य महत्वपूर्ण औद्योगिक इकाइयाँ है !
राज्य में जिंक कंसंट्रेन, पन्ना, गार्नेट, जिप्सम, खनिज चादी, फैल्सपार तथा अभ्रक के प्रचुर भण्डार है, राज्य में नमक, राँक फास्फेट, मारबल तथा लाल पत्थर भी काफी मात्रा में मिलता है ! सीतापुर (जयपुर), बोरनादा (जोधपुर), नीमराणा(अलवर) में देश का पहला निर्यात संवर्धन पार्क बनाया गया है !
परिवहन
वर्तमान में राजस्थान में सड़कों की कुल लम्बाई 1,87,810 कि०मी० है ! जोधपुर, जयपुर, बीकानेर,सवाई माधोपुर, कोटा और भरतपुर राज्य के प्रमुख रेलवे जंक्शन है !
पर्यटन स्थल
राजस्थान भारत का एक राज्य है जो पर्यटन के लिए सबसे अच्छा राज्य माना जाता है। राजस्थान राज्य में हर ज़िले में कई दर्शनीय स्थल देखने को मिलते है, यहां विशेषरूप से दुर्ग है जो लगभग हर ज़िले में है। इनके अलावा राजस्थान में कई पौराणिक मन्दिर भी है।
राजस्थान में पर्यटन के मुख्य केंद्र है – जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, बीकानेर, माउंट आबू, अलवर में सरिस्का बाघ विहार, भरतपुर में केवलादेव राष्ट्रीय पक्षी विहार, जैसलमेर, अजमेर, पाल, चित्तोडगढ आदि ! भरतपुर के पास मेंहदीपुर में प्रसिद्ध बालाजी मंदिर है ! माउंट आबू में नक्की झील पर्यटन केंद्र है !
मुख्य नगर –
जयपुर
गुलाबी नगर (पिंक सिटी) के नाम से सुशोभित, राजस्थान का सबसे बड़ा, बेहद सुंदर नगर है एवं राज्य की राजधानी है ! काफी अच्छी खासी बाजार है आस-पास सुंदर पहाड़ियाँ है, महल बड़े अद्भुद है गोबिंद जी का मन्दिर हवामहल और चन्द्रमहल देखने योग्य हैं ! जयपुर संगमरमर की मूर्तियों, पीतल के खिलौनों और बर्तनों के लिए प्रसिद्ध है, व्यापार और शिक्षा का केंद्र है ! यहाँ पर विश्वविद्यालय भी है !
उदयपुर
पहाड़ों से घिरा बड़ा सुन्दर एतिहासिक नगर है ! यहाँ अनेक सुंदर झीलें है ! राजभवन, जगदीश मन्दिर, फतेह सागर प्रसिद्ध है ! जयसमन्द नाम की एक सुन्दर झील है !
चित्तौड़गढ़
यहाँ प्रसिद्ध पहाड़ी गढ़ है यहाँ राणा सांगा के पुत्र (राणा कुम्भा) ने अपने शासन के मध्यकाल में 32 कीलें बनवाये, जिसमें (कुम्भालगढ़) प्रसिद्ध है ! यहाँ के विजय स्तम्भ और मीरा मन्दिर प्रसिद्ध हैं !
अलवर
यह रंगाई और छपाई के लिए प्रसिद्ध है ! सरिस्का बाघ विहार तथा इसके महल और संग्रहालय देखने योग्य है !
अजमेर
राजस्थान के मध्य में दर्शनीय नगर है ! यहाँ ख्वाजा साहिब की दरगाह और पास ही में प्रसिद्ध हिन्दू तीर्थ स्थल पुष्कर है ! यहाँ ब्रह्रा जी का एक मात्र मन्दिर है !
जिले
अजमेर
अलवर उदयपुर कोटा गंगानगर चित्तौड़गढ़ चुरू जयपुर जैसलमेर जोधपुर |
झालावाड़
झुंझुनूँ टोंक डूंगरपुर धौलपुर नागौर पाली बाँसवाड़ा बाड़मेर बिकानेर बून्दी |
भरतपुर
भीलवाड़ा सवाई माधोपुर सिरोही सीकर राजसमन्द दौसा हनुमानगढ़ करोली प्रतापगढ़ |