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UPPSC PCS J 2022 Notification 2022

UPPSC PCS J Notification Released (यूपीपीसीएस पीसीएस जे 2022 की अधिसूचना जारी)

 

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग

विज्ञापन संख्या- 5/-1/2022                                         दिनांक 10/12/2022

0प्र0 न्यायिक सेवा सिविल जज (जूनियर डिवीजन) परीक्षा – 2022

आन-लाइन आवेदन प्रारम्भ होने की तिथि:- 10/12/2022

आनलाइन परीक्षा शुल्क बैंक में जमा करने की अन्तिम तिथि:- 06/01/2023

आनलाइन आवेदन स्वीकार (Submit) किये जाने की अन्तिम तिथि:- 10/01/2023

  1. आवेदन शुल्क- आन लाइन आवेदन की प्रक्रिया में प्रथम चरण की कार्यवाही पूर्ण करने के पश्चात् द्वितीय चरण में दिये गये निर्देशों के अनुसार श्रेणीवार परीक्षा शुल्क जमा करें। प्रारम्भिक परीक्षा हेतु श्रेणीवार निर्धारित शुल्क निम्नानुसार हैंः-

(i)  अनारक्षित/अन्य पिछड़ा वर्ग/            –   परीक्षा शुल्क ` 100/- + आनलाइन प्रक्रिया शुल्क ` 25/- योग = ` 125/-

आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग

(ii) अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति      –   परीक्षा शुल्क ` 40/- + आनलाइन प्रक्रिया शुल्क ` 25/- योग = ` 65/-

(iii) दिव्यांगजन                         –   परीक्षा शुल्क NIL + आनलाइन प्रक्रिया शुल्क ` 25/- योग = ` 25/-

(iv) भूतपूर्व सैनिक                       –   परीक्षा शुल्क ` 40/- + आनलाइन प्रक्रिया शुल्क ` 25/- योग = ` 65/-

(v) स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के आश्रित/महिला –   अपनी मूल श्रेणी के अनुसार

 

  1. रिक्तियाँ: वर्तमान में रिक्तियों की संख्या 303 है। रिक्तियों की संख्या परिस्थितियों एवं आवश्यकतानुसार घट-बढ़ सकती है। पद-समूह ‘‘ख’’, राजपत्रित, अस्थाई परन्तु भविष्य में चलते रहने की संभावना है। रिक्तियों का विवरण निम्नवत् हैः-
ऊर्ध्वाधर क्षैतिज
अनारक्षित (सामान्य वर्ग)       –       123 भूतपूर्व सैनिक                  –       15
ओ0बी0सी0                   –       81 स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के आश्रित  –       06
अनु0जाति                   –       63 महिला                         –       60
अनु0जनजाति                 –       06 दिव्यांगजन                     –       12
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग      –       30  

वेतनमानः ` 9000-14550/- (पुनरीक्षित वेतनमान ` 27700-770-35090-920-40450-1080-44770)

  1. शैक्षिक अर्हताः सेवा में सीधी भर्ती के लिए किसी अभ्यर्थी को आवेदन पत्र प्राप्त होने की अन्तिम तिथि तक – (क) उ0प्र0 में विधि द्वारा स्थापित किसी विश्वविद्यालय से या राज्यपाल द्वारा इस प्रयोजन के लिए मान्यता प्राप्त भारत के किसी अन्य विश्वविद्यालय से विधि में स्नातक उपाधि होना आवश्यक है, अथवा (ख) अधिवक्ता अधिनियम, 1961 के उपबन्धों के अधीन नामांकित कोई अधिवक्ता या इंग्लैण्ड या नार्दर्न आयरलैंड का कोई बैरिस्टर या स्काटलैंड में अधिवक्ताओं के संकाय का कोई सदस्य और वह न्यायालय या उसके अधीनस्थ न्यायालय में व्यवसाय करने का हकदार होना आवश्यक है। (ग) देवनागरी लिपि में हिन्दी का अच्छा ज्ञान आवश्यक है।
  2. आयु सीमा- सेवा में सीधी भर्ती के लिए यह आवश्यक है कि अभ्यर्थी को संगत सेवा नियमावली/अधियाचनानुसार आगामी वर्ष की पहली जुलाई को 35 वर्ष से अधिक तथा 22 वर्ष से कम नहीं होना चाहिए अर्थात् अभ्यर्थियों को 01 जुलाई, 2023 को 22 वर्ष की आयु अवश्य पूरी करनी चाहिए और उन्हें 35 वर्ष से अधिक आयु का नहीं होना चाहिए अर्थात् उनका जन्म 02 जुलाई, 1988 से पूर्व तथा 01 जुलाई, 2001 के बाद का नहीं होना चाहिए। उ0प्र0 के अनुसूचित जाति, उ0प्र0 के अनुसूचित जन जाति, उ0प्र0 के अन्य पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को अधिकतम आयु सीमा में पाँच वर्ष की छूट अनुमन्य होगी। उ0प्र0 के आपात कमीशन प्राप्त अधिकारियों/ अल्पकालिक कमीशन प्राप्त अधिकारियों/ कमीशन प्राप्त अधिकारियों/भूतपूर्व सैनिकों के लिए अधिकतम आयु सीमा में छूट उनके द्वारा सेना में की गई कुल सेवा अवधि + 3 वर्ष के बराबर अनुमन्य होगी। उ0प्र0 के कुशल खिलाड़ियों के लिए अधिकतम आयु सीमा में 05 वर्ष की छूट अनुमन्य होगी दिव्यांगजन के लिए शासनादेश दिनांक 03.02.2008 के अनुसार अधिकतम आयु सीमा 15 वर्ष शिथिलनीय होगी अर्थात् उनका जन्म 02.07.1973 से पूर्व नहीं होना चाहिए।

उ.प्र. न्यायिक सेवा (संशोधन) नियमावली, 2003 दिनांक 19 मार्च, 2003 के नियम-10 के प्राविधानानुसार (1) जो अभ्यर्थी परीक्षा वर्ष 2019, 2020, एवं 2021 की परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए आयु में पात्र थे उन्हें परीक्षा में सम्मिलित होने का पात्र समझा जायेगा। (2) किसी अभ्यर्थी को परीक्षा में सम्मिलित होने के अवसरों की संख्या अधिकतम चार है।

उ.प्र. न्यायिक सेवा नियमावली 2001 एवं अधियाचनानुसार सरकारी कर्मचारी प्रश्नगत पद हेतु आवेदन करने के लिए पात्र हैं किन्तु उन्हें कोई छूट अनुमन्य नहीं है।

‘‘मा0 न्यायालय ने उ0प्र0 शासन द्वारा जारी उ0प्र0 आयु सीमा नियमावली (दसवां संशोधन) 2012 के अन्तर्गत उच्च आयु सीमा 35 से 40 वर्ष अंगीकार नहीं किया है।’’

 

परीक्षा की योजना

प्रतियोगिता परीक्षा में क्रमशः तीन चरण होंगे यथाः (1) प्रारम्भिक परीक्षा (वस्तुनिष्ठ एवं बहुविकल्पीय प्रकार की) (2) मुख्य परीक्षा (परम्परागत प्रकार की अर्थात् लिखित परीक्षा) एवं (3) मौखिक परीक्षा (व्यक्तित्व परीक्षा)।

परिशिष्ट-5

0प्र0 न्यायिक सेवा सिविल जज (जूनियर डिवीजन) प्रारम्भिक

परीक्षा का पाठ्यक्रम

प्रश्न पत्र-प्रथम                                 समयः 2 घंटे                                      अंक-150

सामान्य ज्ञान

 

इस प्रश्न-पत्र में भारत का इतिहास और भारतीय संस्कृति, भारत का भूगोल, भारतीय राजनीति, वर्तमान राष्ट्रीय मामले और दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016, माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम, 2007, दहेज प्रतिषेध अधिनियम, 1961, घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम, 2005, महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम, 2013, गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनिमय, 1994, गर्भ का चिकित्सीय समापन अधिनियम, 1971, स्त्री अशिष्ठ रूपण (प्रतिषेध), 1986, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 के मुख्य बातों के विशेष सन्दर्भों में दिव्यांगों तथा वरिष्ठ नागरिकों के प्रति संवेदनशीलता और महिलाओं एवं बालकों/बालिकाओं से सम्बन्धित अपराधों सहित सामाजिक सुसंगति के विषय, भारत और विश्व, भारतीय अर्थशास्त्र, अन्तर्राष्ट्रीय मामले और संस्थाएं तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, संचार एवं अन्तरिक्ष के क्षेत्र में विकास पर आधारित प्रश्न-पत्र सम्मिलित हैं।

इन प्रश्न-पत्रों की प्रकृति और स्तर ऐसा होगा कि एक सुशिक्षित व्यक्ति बिना किसी विशिष्ट अध्ययन के उनके उत्तर दे सकने में सक्षम होगा।

प्रश्न पत्र-द्वितीय                                 समयः 2 घंटे                                     अंक-300

विधि

इस प्रश्न पत्र में भारत में तथा विश्व में विशेष रूप से विधिक क्षेत्र में हो रही प्रतिदिन की घटनाएं, अधिनियम एवं विधियों पर आधारित प्रश्न सम्मिलित हो सकते हैं।

(i)     विधि शास्त्र                         (ii)    अन्तर्राष्ट्रीय संगठन

(iii)    वर्तमान अन्तर्राष्ट्रीय प्रकरण             (vi)    भारतीय संविधान

(v)    सम्पत्ति अन्तरण अधिनियम             (vi)    भारतीय साक्ष्य अधिनियम

(vii)   भारतीय दंड संहिता                   (viii)   सिविल प्रक्रिया संहिता

(ix)    आपराधिक प्रक्रिया संहिता              (x)    संविदा विधि

0प्र0 न्यायिक सेवा सिविल जज

(जूनियर डिवीजन) मुख्य परीक्षा (लिखित परीक्षा) का पाठ्यक्रम

प्रश्न पत्र संख्या-1 सामान्य ज्ञान                                                                अंक-200

‘‘सामान्य ज्ञान‘‘ का एक प्रश्न-पत्र होगा।

 

इस प्रश्न-पत्र में भारत का इतिहास और भारतीय संस्कृति, भारत का भूगोल, भारतीय राजनीति, वर्तमान राष्ट्रीय मामले और दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016, माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम, 2007, दहेज प्रतिषेध अधिनियम, 1961, घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम, 2005, महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम, 2013, गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनिमय, 1994, गर्भ का चिकित्सीय समापन अधिनियम, 1971, स्त्री अशिष्ठ रूपण (प्रतिषेध), 1986, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 के मुख्य बातों के विशेष सन्दर्भों में दिव्यांगों तथा वरिष्ठ नागरिकों के प्रति संवेदनशीलता और महिलाओं एवं बालकों/बालिकाओं से सम्बन्धित अपराधों सहित सामाजिक सुसंगति के विषय, भारत और विश्व, भारतीय अर्थशास्त्र, अन्तर्राष्ट्रीय मामले और संस्थाएं तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, संचार एवं अन्तरिक्ष के क्षेत्र में विकास पर आधारित प्रश्न-पत्र सम्मिलित हैं।

इन प्रश्न-पत्रों की प्रकृति और स्तर ऐसा होगा कि एक सुशिक्षित व्यक्ति बिना किसी विशिष्ट अध्ययन के उनके उत्तर दे सकने में सक्षम होगा।

प्रश्न पत्र संख्या-2 अंग्रेजी भाषा:-

यह प्रश्न पत्र 100 अंकों का होगा। इसमें नीचे विनिर्दिष्ट प्रकार से 03 (तीन) प्रश्न समाविष्ट होंगे।

(1)    निबन्ध                                         –      50 अंक

(2)    सारांश लेखन                                      –      30 अंक

(3)    हिन्दी गद्यांश का अंग्रेजी में अनुवाद                   –      20 अंक

प्रश्न पत्र संख्या-3 हिन्दी भाषा:-

यह प्रश्न पत्र 100 अंकों का होगा। इसमें नीचे विनिर्दिष्ट प्रकार से 03 (तीन) प्रश्न समाविष्ट होंगे।

(1)    निबन्ध                                         –      50 अंक

(2)    सारांश लेखन                                      –      30 अंक

(3)    अंग्रेजी गद्यांश का हिन्दी में अनुवाद                   –      20 अंक

प्रश्न पत्र संख्या-4 विधि-1 (मौलिक विधि):-

यह प्रश्न पत्र 200 अंकों का होगा। दिये गये प्रश्न निम्नलिखित द्वारा आच्छादित क्षेत्र तक ही सीमित होंगेः-

संविदा विधि, साझेदारी विधि, सुविधा अधिकार और अपकृत्यों सम्बन्धी विधि, सम्पत्ति के अंतरण से संबंधित विधि जिसमें विशेषकर उस पर लागू साम्या के सिद्धान्त सम्मिलित होंगे। न्याय एवं विनिर्दिष्ट अनुतोष का विधि के विशेष संदर्भ में साम्या के सिद्धान्त, हिन्दू विधि, मुस्लिम विधि और संवैधानिक विधि।

50 अंकों के प्रश्न केवल संवैधानिक विधि के सम्बन्ध में होंगे।

प्रश्न पत्र संख्या-5 विधि-2 (प्रक्रिया एवं साक्ष्य):-

यह प्रश्न पत्र 200 अंकों का होगा। दिये गये प्रश्न निम्नलिखित द्वारा आच्छादित क्षेत्र तक ही सीमित होंगेः-

साक्ष्य विधि, दण्ड प्रक्रिया-संहिता और अभिवचन के सिद्धान्तों को सम्मिलित करते हुए सिविल प्रक्रिया संहिता। दिये गये प्रश्न मुख्यतया व्यावहारिक मामलों से सम्बन्धित होंगे, जैसे कि सामान्यतः आरोपों और वाद-बिन्दुओं की विरचना, गवाहों के साक्ष्यों के साथ व्यवहार की विधियां, निर्णयों का लेखन और वादों का संचालन, किन्तु उन्हीं तक सीमित नहीं होंगे।

प्रश्न पत्र संख्या-6 विधि-3 (दण्ड, राजस्व और स्थानीय विधियाँ):-

यह प्रश्न पत्र 200 अंकों का होगा। प्रश्न समुच्चय निम्नलिखित द्वारा आच्छादित क्षेत्र तक सीमित होंगेः-

भारतीय दंड संहिता, उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006, उत्तर प्रदेश शहरी भवन (किराये पर देने, किराये तथा बेदखली का विनियमन) अधिनियम, 1972, उत्तर प्रदेश नगरीय परिसर किरायेदारी विनियमन अधिनियम, 2021, उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम, उत्तर प्रदेश

पंचायत राज अधिनियम, उत्तर प्रदेश चकबन्दी अधिनियम, उत्तर प्रदेश नगरीय (नियोजन और विकास) अधिनियम, 1973 और साथ ही साथ पूर्वोक्त अधिनियमों के अधीन बनायी गयी नियमावलियाँ।

स्थानीय विधियों के प्रश्नों के उत्तर अनिवार्य होंगे। दण्ड विधियों से सम्बन्धित प्रश्न 50 अंकों के होंगे, जबकि राजस्व और स्थानीय विधियों से सम्बन्धित प्रश्न 150 अंक के होंगे।

  1. साक्षात्कारः-

साक्षात्कार 100 अंकों का होगा

उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा में नियोजन के लिए अभ्यर्थी की उपयुक्तता का परीक्षण, उसकी क्षमता, चरित्र, व्यक्तित्व और शारीरिक सौष्ठव पर सम्यक, ध्यान देते हुए उसकी श्रेष्ठता के संदर्भ में किया जायेगा।

स्पष्टीकरण- अभ्यर्थी के लिए सामान्य ज्ञान और विधि प्रश्न पत्रों के उत्तर हिन्दी या अंग्रेजी में देने का विकल्प होगा।

टिप्पणी- (1) साक्षात्कार में प्राप्त किये गये अंकों को लिखित प्रश्न पत्रों में प्राप्त किये गये अंकों में जोड़ा जायेगा और अभ्यर्थी का स्थान दोनों के कुल योग पर निर्भर करेगा।

(2) किसी अभ्यर्थी को साक्षात्कार के लिए बुलाने से इन्कार करने का अधिकार आयोग को है जिसने विधि प्रश्न पत्रों में इतने अंक प्राप्त न किये हों, जो उसके द्वारा ऐसे इंकार को न्यायोचित ठहरायें।

 

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