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भारत की पंचवर्षीय योजनायें – Five year Plan Of India

March 23, 2018 By Gyan Prakash

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Table of Contents

  • Five Year Plans Of India
  • प्रथम पंचवर्षीय योजना – (1951-1956)
  • द्वितीय पंचवर्षीय योजना  (1956-61­­­­­­)
  • तृतीय पंचवर्षीय योजना (1961-66 ई०) –
  • तीन एकवर्षीय योजनायें – (1966-67, 1967-68 तथा 1968-69) –
  • चौथी पंचवर्षीय योजना (1969-74) –
  • पांचवी पंचवर्षीय योजना (1974-78 ई०) –
  •       छठी पंचवर्षीय योजना (1980-85 ई०) –
  • सातवीं पंचवर्षीय योजना (1985-90 ई०) –
  • आठवीं पंचवर्षीय योजना (1992-97 ई०) –
  • नौवीं पंचवर्षीय योजना (1997-2002 ई०) –
  • दसवीं पंचवर्षीय योजना  (2002-2007 ई०)
  • ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना (2007-2012 ई०) –
  • बारहवीं पंचवर्षीय योजना (2012-2017 ई०) –
  • तीन वर्षीय एकल प्लान योजना 2017 ई० से प्रारम्भ करने का प्रावधान –  

Five Year Plans Of India

देश में पंचवर्षीय योजनाओं के क्रियान्वयन से आर्थिक सामाजिक एवं औघोगिक पिछड़ेपन को दूर  करने के लिए इस तरह की योजना का विकास  किया गया ! भारत में इस योजना की नींव से आर्थिक संव्रिदी गरीबी का निवारण तथा रोजगार के अवसरों में वृद्धि के लिए किया गया, भारत में आर्थिक आयोजन सम्बंधित  प्रस्ताव सर्वप्रथम सन  1934ई० में  “विश्वेश्वरैया” की पुस्तक “Planned Economy for India”  में आयी थीं ! इस पुस्तक में भारत के सर्वागीण विकास के लिए कई प्रकार के योजनाओ की प्रस्तुतिकरण हुई, आर्थिक एवं सामाजिक विकास से जुड़ी इस योजना को संविधान की समवर्ती सूची(सातवीं अनसूची) में रखा गया है  और यह कहा गया है कि इस योजना से देश की सभी पंचायतो को आर्थिक विकास एवंसामाजिक न्याय की व्यवस्था को सुचारू रूप प्रदान करने का कार्यभार दिया जाएगा !



प्रथम पंचवर्षीय योजना – (1951-1956)

प्रथम पंचवर्षीय योजना का आरम्भ 8 दिसम्बर 1951 ई० को हुई इस योजना के प्प्रथम अध्यक्ष पं०जवाहरलाल नेहरू थे,योजना में व्यय की कुल राशि 2069 करोंड़ थी !

  • यह योजना प्रसिद्ध अर्थशास्त्री हैरोड-डोमर के माँडल पर आधारित थीं !
  • कृषि के सुधार के साथ पैदावार में अधिकता इस योजना का मुख्य उद्देश्य था !
  • अर्थव्यवस्था में तीव्र संतुलित विकास को आरम्भ करना इसका उद्देश्य था !
  • जिस तरह से इसका गठन हुआ उसी के अनुरूप यह योजना सफल रही तथा इसने अपने लक्ष्य 1% से आगे 3.6% की विकास दर को हासिल किया !
  • इस योजना के दौरान राष्र्टीय आय में 18% तथा प्रति व्यक्ति आय में 11% की कुल वृद्धि हुई !   इस योजना काल में दौरान देश में कई बड़ी सिचाई परियोजनाओ का आधार रखा गया जिनसे मुख्यतह भाखड़ा नांगल परियोजना, व्यास परियोजना दामोदरनदी घाटी परियोजना !
  • इस योजना में सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों के तरफ बहुत ज्यादा व्यय नहीं किया गया इस क्षेत्र में मात्र 6% की राशि व्यय की गयी !
  • इस योजना से उन सभी शरणार्थीयों को आवास की व्यवस्था की गई जो विभाजन के बाद देश में रह रहे थे !
  • खाद्यान्नों से सम्बंधित मामले में कम से कम संभव अवधि को पूर्ण करना !
  • जनसँख्या को आत्मनिर्भर बनाना तथा मुद्रा स्फीति पर नियंत्रण रखना !

इसके साथ ही इस योजना में सर्वागीण विकास की प्रक्रिया आरम्भ की गयी जिससे राष्ट्रिय आय के लगातार बढ़ने का आश्वासन दिया जा सके

द्वितीय पंचवर्षीय योजना  (1956-61­­­­­­)

पंचवर्षीय योजना का आरम्भ 1956ई० को हुआ इसके अध्यक्ष पं०जवाहरलाल नेहरू तथा उपाध्यक्ष वी०टी० कृष्णामा चारी थे ! इस योजना का व्यय आकार 48000 करोड़ रूपये का रहा !

  • यह योजना पी०सी०महालनबीस माँडल पर आधारित थी ! इस योजना का लक्ष्य तीव्र आधोगीकरण करना था इनमें उद्योगों, लौह इस्पात भारी रसायन, भारी इंजीनियरिंग और मशीन निर्माण उद्योगों को बढावा देने का प्रावधान किया गया !
  • इस योजना में देश के जीवन स्तर को ऊचा उठाने के लिए 5 वर्षो में राष्ट्रिय आय में 25% की वृद्धि करने का लक्ष्य रखा गया
  • द्वितीय पंचवर्षीय योजना ने अपने लक्ष्य 4.5% से कम 4.1% के विकास दर को हासिल किया !
  • इस योजना में यातायात व संचार की दिशा में 28% की राशि व्यय की गई !
  • योजना के उत्पादन क्षेत्रो के बीच निवेश के इष्टतम आवटन निर्धारित क्रम में करने के लिए लम्बे समय से चलने के आर्थिक विकास को अधिकतम करने का प्रयास किया !
  • यह आपरेशन अनुसंधान और अनुकूलन के कला तकनीकों के प्रचलित राज्य के रूप में अच्छी तरह से भारतीय सांखिकियों माँडल के अनुप्रयोगों का इस्तेमाल किया !
  • अनेक बड़े उद्योगों की स्थापना इस योजना काल के दौरान हुई

जैसे- दुर्गापुर, भिलाई, राउरकेला के इस्पात कारखानों की स्थापना हुई !




तृतीय पंचवर्षीय योजना (1961-66 ई०) –

 तृतीय पंचवर्षीय योजना का प्रारम्भ सन 1961 ई० में पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में हुई, इस योजना के उपाध्यक्ष गुलजारी लाल नंदा थे तथा इस योजना के व्यय राशि का कुल आकार 7,500 करोड़ रुपये था !

  • योजना ने अपना लक्ष्य आत्मनिर्भर एवं स्वयं स्फूर्ति अर्थव्यवस्था को कायम करना रखा इसमें कृषि को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की गयी परन्तु इसके साथ – साथ बुनियादी उद्योगों को बढ़ाना तथा तीव्र आर्थिक विकास को गति प्रदान करना इस योजना का लक्ष्य रखा गया !
  • इस योजना का कुल विकास लक्ष्य 5.6% रखा गया किन्तु वर्षा न होने के कारण यह योजना 2.84% के निम्न लक्ष्य को प्राप्त कर सकी और यह योजना एक असफल योजना रही
  • वर्ष 1962 में भारत-चीन युद्ध तथा 1965 में पाकिस्तान के साथ युद्ध होने से इस योजना पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा
  • इस योजना अवधि में लगातार दो वर्ष भीषण सुखा पड़ना, मुद्रा का अवमूल्यन होना, वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि तथा योजना के संसाधनों में कमी होना भी इस योजना के असफल होने का कारण है !
  • तृतीय योजना के असफल होने से चौथी योजना के क्रियान्वयन में देरी हुयी जिसकी वजह से तीन वार्षिक योजनाओं के संचालन का प्रावधान किया गया !

तीन एकवर्षीय योजनायें – (1966-67, 1967-68 तथा 1968-69) –

वर्ष 1965 ई० भारत एवं पाकिस्तान के मध्य हुये युद्ध के कारण देश को भारी धन की हानि हुई तथा उस काल के दौरान देश में सूखे की स्थिति भी लगातार दो वर्ष तक बनी रही, इस कारण से चौथी योजना का आरम्भ नहीं किया जा सका बल्कि उसके स्थान पर तीन वार्षिक योजनायें प्रारम्भ की गयी !

  • इस वार्षिक योजना काल के दौरान कृषि तथा सम्बद्ध क्षेत्रों के साथ उद्योगों के विकास को प्राथमिकता दी गयी !
  • इस योजना काल के दौरान मात्र 3.8% की वार्षिक वृद्धि दर प्राप्त हो सकी !

चौथी पंचवर्षीय योजना (1969-74) –

देश की चौथी पंचवर्षीय योजना का आरम्भ सन 1969 ई० में हुआ इसकी अध्यक्षा इंदिरा गांधी तथा उपाध्यक्ष डी०आर० गाडगिल थे, योजना के व्यय के लिये 15,902 करोड़ रूपये व्यय करने का प्रावधान किया गया !

  • योजना में समाजवादी समाज की स्थापना करके विशेष लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में जोर दिया गया !
  • योजना के मुख्य उद्देश्य स्थिरता के साथ विकास लक्ष्य, कृषि विकास के लिये गहन कृषि विकास कार्यक्रम तथा आत्म निर्भरता के लक्ष्य की प्राप्ति के लिये आयात प्रतिस्थापक को अधिक महत्व दिया गया !
  • आर्थिक शक्तियों के केन्द्रीकरण पर रोक तथा एमआरटीपी एक्ट व पिछड़े क्षेत्रों में उद्योग स्थापित किया !
  • यह योजना अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में विफल रही तथा 7% की वृद्धि दर लक्ष्य से कम मात्र 3.3% की वार्षिक वृद्धि दर की वृद्धि कर पाई !
  • इस योजना के असफल होने का कारण मौसम की प्रतिकुलता तथा बांग्लादेशी शरणार्थियों का आगमन था !
  • इस योजना में सामाजिक न्याय के साथ विकास और गरीबी हटाओ जोड़ा गया !

पांचवी पंचवर्षीय योजना (1974-78 ई०) –

पांचवी पंचवर्षीय योजना का आरम्भ 1974 ई० में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की अध्यक्षता एवं दुर्गा प्रसाद धर की उपाध्यक्षता में किया गया !

  • इस योजना में व्यय के लिये 39,303 करोड़ रूपये की राशि सरकार द्वारा प्रदान की गयी, देश के विकास के लिए कुल 4 फीसदी का विकास दर रखा गया !
  • पांचवी पंचवर्षीय योजना को महज चार वर्षो में ही मार्च 1978 ई० को जनता पार्टी की सरकार ने समाप्त कर दिया !
  • इस योजना का सबसे प्रमुख लक्ष्य गरीबी हटाओ तथा निर्धन वर्ग की न्यूनतम आवश्यकताओं की पूर्ति करना !
  • आत्मनिर्भरता की प्राप्ति की लिए तीव्र विधि दर पर ध्यान दिया गया एवं दिया गया एवं आन्तरिक बचत की निति अपनाई गयी !
  • इस योजना के बीस सूत्री कार्यक्रम की शुरुवात 1975 ई० से की गयी !
  • पांचवी योजना में गरीबी तथा देश में व्याप्त बेरोजगारी को ख़त्म करने के लिये बड़े पैमाने पर ध्यान दिया गया !
  • इस योजना के सर्वाधिक ध्यान कृषि के विकास एवं उद्योगों के साथ खनिज क्षेत्रों पर दिया गया !
  • यह योजना सफल रही किन्तु गरीबी और बेरोजगारी की स्थिति में बहुत अच्छा सुधार नहीं हुआ !



      छठी पंचवर्षीय योजना (1980-85 ई०) –

छठी पंचवर्षीय योजना का आरम्भ जनता पार्टी के द्वारा बनाये गये रोलिंग प्लान (1978-83) को समाप्त करके किया गया !

  • यह पंचवर्षीय योजना 1980 ई० श्रीमती इंदिरा गांधी की अध्यक्षता एवं नारायण दत्त तिवारी की उपाध्यक्षता में शुरू की गयी !
  • छठी पंचवर्षीय योजना में कुल व्यय राशि 97,500 करोड़ की थी तथा विकास दर को 2 फीसदी पर रखा गया जिससे रोजगार का सृजन हो !
  • इस योजना का मुख्य उद्देश्य गरीबी उन्मूलन के साथ रोजगार के अवसरों में वृद्धि करना तथा बेरोजगारी को खत्म करना था !
  • छठी योजना का मुख्य उद्देश्य गरीबी उन्मूलन के साथ रोजगार के अवसरों में वृद्धि करना तथा बेरोजगारी को खत्म करना था !
  • छठी योजना में विकास दर का लक्ष्य 2% वार्षिक वृद्धि दर रखा गया किन्तु यह योजना उससे भी आगे सफलता पूर्वक 5.54% का लक्ष्य प्राप्त कर ली !
  • इस योजना में समन्वित ग्रामीण विकास कार्यक्रम जैसे महत्वपूर्ण ग्रामीण विकास से सम्बंधित कार्यक्रम प्रारम्भ किये गये !
  • इस योजना में लोगो के उपभोग के लिये तैयार होने वाली वस्तुओं का निर्माण करने वाले लघु एवं कुटीर उद्योगों को बढ़ावा दिया गया !
  • छठी योजना में विकास के नेहरू मॉडल को अपनाया गया जिसका लक्ष्य एक विकासोन्मुख अर्थव्यवस्था में गरीबी की समस्या पर सीधा प्रहार करना था !

सातवीं पंचवर्षीय योजना (1985-90 ई०) –

सातवीं पंचवर्षीय योजना का आरम्भ 1985 ई० में राजीव गाँधी की अध्यक्षता एवं डॉ० मनमोहन सिंह की उपाध्यक्षता में सृजित किया गया !

  • इस योजना में कुल 39,303 करोड़ रुपये की व्यय राशि प्रदान की गयी तथा विकास दर 4% रखा गया जिससे विभिन्न क्षेत्रों का विकास हो !
  • इस योजना में उत्पादकता को बढ़ावा तथा रोजगार की दिशा में अधिक अवसर प्रदान करना साम्य एवं न्याय पर आधारित सामाजिक प्रणाली की स्थापना करना !
  • देश में व्याप्त विभिन्न प्रकार की सामाजिक एवं आर्थिक असमानताओं को कम करना तथा तकनीकी के क्षेत्र में देश को अग्रणी बनाना इस योजना का उद्देश्य था !
  • इस योजना में प्रति व्यक्ति आय को बढ़ाने के लिये 6% की वृद्धिदर दर्ज की गयी !
  • पहली बार सातवीं योजना में परिव्यय की दृष्टी से निजी क्षेत्र को सार्वजानिक क्षेत्र की तुलना में वरीयता प्रदान की गयी !
  • सातवीं योजना में खाद्यानो की वृद्धि, रोजगार के क्षेत्रों का विस्तार एवं उत्पादन को बढ़ाने वाली नीतियों एवं कार्यक्रमों पर बल देने का निश्चय किया गया !
  • इस योजना के आर्थिक सुधार के लिए आधारभूत तैयार करने का कार्य किया गया तथा इसमें उत्पादक रोजगार की व्यवस्था की गयी !
  • इस योजना में भारी तथा पूंजी प्रधान उद्योगों पर आधारित कृषि लघु और मध्यम उधोगों के विकास पर जोर दिया गया !

आठवीं पंचवर्षीय योजना (1992-97 ई०) –

1992 ई० को आठवीं पंचवर्षीय योजना का आरम्भ पी०वी० नरसिंह राव की अध्यक्षता एवं प्रणव मुखर्जी की उपाध्यक्षता में किया गया !

  • इस योजना में विभिन्न क्षेत्रों के विकास के लिये 4,30,000 करोड़ रुपये की राशि का व्यय विवरण बनाया गया तथा विकास दर 6% तक रखा गया !
  • इस योजना में सर्वाधिक ध्यान मानव संसाधन का विकास जिसमें शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य में सुधार पर ध्यान दिया गया !
  • आधारभूत ढांचे को सशक्त करना तथा 20वीं शताब्दी के अंत तक रोजगार मुहैया कराना प्रमुख लक्ष्य रहा !
  • आठवीं योजना काल के दौरान देश भारी आर्थिक संकट से गुजर रहा था उस दौरान के आर्थिक संकट के कई निम्न कारण थे !
  • भुगतान संतुलन का सही न होना !
  • देश के ऊपर बढ़ता हुआ ऋण भार !
  • घाटे की बजट व्यवस्था के बावजुद लगातार बढ़ता बजट घाटा !
  • बढ़ती हुई मुद्रा स्फीति और उद्योगों का विकास न हो पाना !
  • यह योजना अपने लक्ष्य 6% से अधिक 6.7%  का लक्ष्य प्राप्त करने में सफल रही !
  • आठवीं योजना के दौरान 1993 ई० में प्रधानमन्त्री रोजगार योजना की शुरुआत की गयी !

नौवीं पंचवर्षीय योजना (1997-2002 ई०) –

नौवीं पंचवर्षीय योजना 1997 ई० में अटल बिहारी वाजपेयी की अध्यक्षता में शुरू की गयी, नौवीं योजना में समानता के साथ विकास पर बल दिया गया !

  • इस योजना के व्यय के लिये कुल 8,59,200 करोड़ राशि का विवरण दिया गया तथा विकास दर को 5% पर रखा गया !
  • नौवीं पंचवर्षीय योजना में कृषि क्षेत्र में वृद्धि दर के लिये 9% के लक्ष्य के विरुद्ध केवल 2.1% की उपलब्धि ही प्राप्त कर सकी !
  • विभिन्न प्रकार के विनिर्माण क्षेत्र में भी यह योजना मात्र 9% के मामूली वृद्धि दर को प्राप्त कर सकी !
  • इस योजना में 14.5% के निर्यात लक्ष्य के विरुध्य पुरे योजना काल के दौरान मात्र 7.4% की औसत वृद्धि दर रही, इसी तरह से आयात के क्षेत्र में 12.2% के लक्ष्य को न प्राप्त करते हुए मात्र 6.6% की वृद्धि दर रही !
  • इस योजना को असफल होने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मंदी को जिम्मेदार माना गया !
  • नौवी योजना को सफल बनाने के लिए विभिन्न प्राथमिक क्षेत्रो पर बहुत ही व्यापक स्तर से ध्यान दिया गया !
  • भुगतान संतुलन को सुनिश्चित करना तथा देश के ऊपर हुये ऋण को समाप्त करने के साथ, आगामी ऋणभार पर नियंत्रण रखना !
  • प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में राष्ट्र को आत्मनिर्भर बनाना तथा खाद्यानो को संरक्षण प्रदान करना एवं लोगो को खाद्यान के प्रति आत्मनिर्भर बनाना !
  • विभिन्न प्रकार की जड़ी बूटियों और प्राकृतिक औषधियों के संसाधनों का समुचित उपयोग एवं संरक्षण करना !
  • नौवीं योजना में सार्वजनिक एवं सामुदायिक निर्माण के क्षेत्र में अच्छी उपलब्धि रही किन्तु विनियोग एवं आयात के क्षेत्रों में भारी कमी रही !

दसवीं पंचवर्षीय योजना  (2002-2007 ई०)

दसवीं पंचवर्षीय योजना का आरम्भ अटल बिहारी वाजपेयी की अध्यक्षता में सन 2002 को किया गया, इस योजना में 8.1% का विकास दर रखा गया, जिसमे देश की गरीबी और बेरोजगारी को ख़त्म करने का प्रावधान किया गया !

  • इस योजना में प्रतिवर्ष 5 अरब डाँलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का लक्ष्य रखा गया !
  • दसवीं पंचवर्षीय योजना ने देश के प्रत्येक व्यक्ति की आय को दुगना करने का प्रावधान किया गया !
  • इस योजना में साक्षरता की दर में तीव्र वृद्धि करने का लक्ष्य रखा गया तथा साक्षरता की दर को 2007 तक 72% तक करना एवं प्राथमिक शिक्षा को सर्वव्यापी बनाने का प्रावधान किया गया !
  • देश की मुख्य नदियों को 2007 तक पूर्ण रूप से स्वच्छ करने का प्रावधान किया गया !
  • इस योजना काल में सकल घरेलु बचते GDP के 23.31% रखने का लक्ष्य था, जबकि वास्तविक उपलब्धि योजना से कही अधिक रही जो GDP दर 26.62% पर रही !
  • दसवीं योजना के दौरान मुद्रास्फीति की दर औसतन 5% रखा गया किन्तु यह दर बढ़कर 5.02% रही !
  • दसवीं योजना के दौरान पहली बार देश के सभी राज्यों के साथ विचार विमर्श करके प्रत्येक राज्य पर विकास दर को निर्धारित किया गया !
  • इस योजना के साथ ही पहली बार आर्थिक लक्ष्यों की पूर्ति के साथ सामाजिक लक्ष्यों के विकास पर ध्यान दिया गया !
  • दसवीं पंचवर्षीय योजना 31 मार्च 2007 को समाप्त हो गयी और अब तक सभी पंचवर्षीय योजनाओं में यह सबसे सफल पंचवर्षीय योजना रही, जिसमें कृषि, उद्योग व सेवा क्षेत्र का काफी व्यापक विकास हुआ !

ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना (2007-2012 ई०) –

  • 2007 में ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना का आरम्भ किया जिसके अध्यक्ष डॉ० मनमोहन सिंह थे और इस योजना में विकास दर को 9.0% पर रखा गया !
  • इस योजना काल में सकल घरेलू उत्पादन की औसत वृद्धि दर 7.9% रही है !
  • इस योजना काल का सबसे प्रमुख लक्ष्य तीव्रतम एवं समावेशी विकास करना था !
  • इस योजना के दौरान कृषि आधारित वृद्धि दर को 4% तक प्रतिवर्ष बढ़ाना रहा !
  • योजना के दौरान उद्योग एवं सेवा क्षेत्र में संवृद्धि दर क्रमशः 4.2% एवं 9.1% रही !
  • रोजगार के क्षेत्र में 700लाख नये अवसर प्रदान करना एवं साक्षर बेरोजगारी की दर को 5% से नीचे लाना !
  • 7 वर्षीय या अधिक उम्र के बच्चों व व्यक्तियों की साक्षरता दर को 85% तक बढ़ाना !
  • 2009ई० तक सभी के लिये पीने के स्वच्छ पानी की उपलब्धता कराना !
  • देश के सभी गावों तक बिजली पहुंचना तथा 2016-17 ई० तक उर्जा क्षमता में 20% की वृद्धि करना !
  • देश के प्रमुख शहरों में 2011-12 ई० तक विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के अनुरूप वायु शुद्धता का स्तर प्राप्त करना !
  • वनों के विकास के लिये उन्हें 5% की वृद्धि करना !
  • इस योजना में प्रजनन दर को घटाकर 2.1 के स्तर पर लाना, बाल मृत्यु दर को घटाकर 28 प्रति 1000 व मात‌‍ृ मृत्यु दर को 1 प्रति 1000 करना

बारहवीं पंचवर्षीय योजना (2012-2017 ई०) –

  • डॉ० मनमोहन सिंह की अध्यक्षता एवं मोंटेक सिंह अहलुवालिया की उपाध्यक्षता में 12वीं पंचवर्षीय योजना का आरम्भ किया गया !
  • बारहवीं पंचवर्षीय योजना को 10% के विकास दर के लक्ष्य पर रखा गया !
  • इस योजना काल में गैर कृषि क्षेत्र में रोजगार के 5 करोड़ नये अवसरों के सृजन का लक्ष्य रखा गया !
  • इस दौरान वैश्विक आर्थिक संकट का प्रभाव इतना गहरा था जो भारतीय अर्थव्यवस्था पर बहुत बूरी तरह पड़ा !
  • विश्व में सितम्बर 2008ई० में शुरू हुये आर्थिक संकट के दौरान भारत में घरेलु बाजारों पर इसका काफी प्रभाव रहा !
  • जबकि इससे पहले के तीन वित्त वर्षों में अर्थव्यवस्था में 9 फीसदी से ज्यादा की दर से आर्थिक विकास हुआ !
  • बारहवीं योजना के दौरान देश के सभी गावों को विद्युतीयकरण योजना के माध्यम से जोड़ना !
  • भारत सरकार ने चालू वित्त वर्ष में इसके बढ़कर 8.5% तक होने का अनुमान लगाया !
  • बारहवीं योजना में औसत वार्षिक केन्द्रीय राजकोषीय घाटा इस योजना अवधि में GDP के 3.25% के स्तर तक सीमित रखने का लक्ष्य बनाया गया है और चालू खाते के घाटे को GDP के 2.5% तक करने का लक्ष्य रखा गया है !
  • इस योजना काल में ग्रामीण क्षेत्रों में टेलीडेंसिटी को बढाकर 70% करने का लक्ष्य रखा गया !
  • 12वीं योजना के दौरान 2004-05 ई० के मूल्यों पर सकल घरेलू बचत दर 33.6% एवं निवेश दर 38.8% का रखा गया !
  • बारहवीं पंचवर्षीय योजना की सर्वाधिक व्यय सामाजिक सेवाओं की मद में किया गया, इसमें कुल 26,64,843 करोड़ रुपये विनिहित किये गये जो कुल व्यय का 34.7% है !



तीन वर्षीय एकल प्लान योजना 2017 ई० से प्रारम्भ करने का प्रावधान –  

लोकसभा चुनाव के बाद केंद्र में मोदी सरकार के आने से देश की पंचवर्षीय योजनाओं को बंद कर दिया गया और इस योजना के बदले तीन वर्षीय एकल योजना को प्रारम्भ करने का प्रावधान किया गया ! इस एकल योजना का प्रारूप इस प्रकार से तैयार किया गया जिसमे 15 वर्ष के लिये “विजन डाक्यूमेंट”, 7 वर्ष के लिये “स्ट्रेटजी पेपर” तथा 3 वर्ष के लिये “एक्शन प्लान” को चलाने का प्रावधान किया गया !

Bharat ki panchvarshiy yojnaye,  vibhinn panchvarshiy yojnaye, panchvarshiy yojnao ka mahtva

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Filed Under: Study Material Tagged With: Five year plan

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  1. केदारनाथ सिंह - जीवन परिचय - StudywithGyanPrakash says:
    March 23, 2018 at 10:56 pm

    […] भारत की पंचवर्षीय योजनायें – Five year Plan Of India […]

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